रमेश ठाकुर/ नई दिल्ली
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की जमीन शत्रु संपत्ति कानून के तहत बेची जाएगी। सरकार ने नीलामी शुरू कर दी है, जो पांच सितंबर तक चलेगी। मुशर्रफ के परिवार जमीन दिल्ली और एनसीआर बागपत जिले के कोताना गांव में हैं। बंटवारे से पहले मुशर्रफ की मां बेगम जरीन और पिता मुशर्रफुद्दीन कोताना गांव में ही रहते थे। बाद में दोनों सन 1943 में दिल्ली आकर बस गए थे। दिल्ली में ही मुशर्रफ और उनके भाई जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ। लेकिन विभाजन के बाद 1947 में मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान चला गया। पर अभी भी दिल्ली के अलावा कोताना गांव में उनकी हवेली और जमीन है। हालांकि मुशर्रफ ने अपने हिस्से की जमीन अपने जिंदा रहते बेच दी गई थी। लेकिन उनके भाई जावेद और परिवार के अन्य सदस्यों की 13 बीघा जमीन अभी भी है जिसे 15 साल पहले शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है। कोताना की हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम है जो खंडहर में तब्दील हो चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार फिलहाल हवेली पर फैसला बाद में लेगी। पर जमीन की नीलाम की जा रही है। नीलामी की प्रक्रिया ऑनलाइन चल रही है। शुरुआती बोली 37.5 लाख रुपए रखी गई है। जमीन सर्वाधिक बोली लगाने वाले के नाम कर दी जाएगी।