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शिंदे सरकार की ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ में छपी लापता बुजुर्ग की तस्वीर…खूब हो रही किरकिरी…विज्ञापन पर उठे कई सवाल

राजेश जायसवाल / मुंबई

महाराष्ट्र विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान २९ जून को शिंदे सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थल की यात्रा कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ का एलान किया था। सीएम एकनाथ शिंदे ने खुद इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना से उन बुजुर्गों को मदद मिलेगी, जो वित्तीय समस्याओं के कारण तीर्थ स्थलों पर नहीं जा पाते हैं। सीएम शिंदे ने विधायक प्रताप सरनाईक के प्रस्ताव का जवाब देते हुए यह घोषणा की थी। अब इस योजना के विज्ञापन की खूब चर्चा हो रही है। विज्ञापन जारी होने के बाद एक आश्चर्यजनक बात का खुलासा हुआ है कि इस विज्ञापन में दिखाए गए एक बुजुर्ग नागरिक, जो कि पिछले तीन साल से लापता हैं और परिवार सदमे में था। करीब तीन साल से घर से गायब इस शख्स की फोटो जब विज्ञापन में आई तो इसे देख परिवार वाले भी हैरान हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, शिरूर तालुका के वरुडे गांव निवासी ६८ वर्षीय विष्णु तांबे पिछले तीन साल से लापता हैं। लापता बुजुर्ग की बहू सुरेखा तांबे ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनके ससुर पिछले तीन साल से घर वापस नहीं आए हैं, लेकिन परिवार ने अभी तक ठाणे में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन अब सरकारी विज्ञापन में इनका छपा फोटो देखकर परिवारवालों के ख़ुशी का ठिकाना नहीं हैं। बहू सुरेखा तांबे ने कहा कि वह विज्ञापन पर अपने ससुर का फोटो देखकर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ससुर १४ जनवरी २०२१ से लापता हैं। एक बार कोरोना में कंबल बांटते हुए उनकी फोटो अखबारों में छपी थी, तब यह जानकारी मिली थी कि वे जीवित हैं, लेकिन तब से उनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री के विज्ञापन पर बुजुर्ग तांबे की फोटो देखने के बाद गांव के लोगों के चेहरे पर खुशी झलक रही है।

फर्जी विज्ञापन को वडेट्टीवार ने सरकार को घेरा
वहीं महाराष्ट्र विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता विजय वडेट्टीवार ने शिंदे सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को देव दर्शन कराने की योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री खुद इस योजना का प्रचार-प्रसार करते हैं। अगर उन्होंने काम किया है तो आपको अच्छा विज्ञापन करना चाहिए। झूठ बोलने के प्रति सचेत रहना चाहिए। इस विज्ञापन से तांबे परिवार को कितना दुख होगा?
वडेट्टीवार ने आगे कहा कि सरकारी विज्ञापन के लिए लोगों का पैसा बर्बाद किया जा रहा है और ऐसा करते समय अनैतिक रूप से लोगों की तस्वीरों का इस्तेमाल करना एक बड़ा अपराध है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया से किसी व्यक्ति की तस्वीरें डाउनलोड करना और उन्हें बिना अनुमति के विज्ञापनों में इस्तेमाल करना एक गंभीर मामला है। जिस तरह महायुति की योजनाएं खोखली साबित हुई हैं, उसी तरह विज्ञापन भी खोखला है।
वडेट्टीवार ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री को बिना कोई काम किए फर्जी फोटो के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाने का ‘गुजरात मॉडल’ छोड़ देना चाहिए। अब विज्ञापन में तीन साल पहले लापता हुए वरिष्ठ नागरिक तांबे की फोटो का इस्तेमाल करने की खबर से शिंदे सरकार की खूब किरकिरी हो रही है और फर्जी फोटो के जरिए किये गए विज्ञापन कई सवाल खड़े कर रहे हैं।

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