मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिबसंत पंचमी पर काव्य गोष्ठी, कवियों ने सरस्वती वंदना से मोहा मन

बसंत पंचमी पर काव्य गोष्ठी, कवियों ने सरस्वती वंदना से मोहा मन

सामना संवाददाता / कल्याण

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर बिड़ला महाविद्यालय, कल्याण और अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में काव्य गोष्ठी और चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कल्याण, डोंबिवली और ठाणे के लगभग 25 कवियों ने भाग लिया, जिनमें नवोदित और वरिष्ठ दोनों प्रकार के रचनाकार शामिल रहे। कार्यक्रम में बसंत ऋतु और मां सरस्वती की महिमा को समर्पित कविताएं प्रस्तुत की गईं, जिससे साहित्यप्रेमी मंत्रमुग्ध हो गए।

गोष्ठी में कवियों द्वारा हिंदी के महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कविताओं का वाचन भी किया गया, जिससे वातावरण साहित्यिक ऊर्जा से भर गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद् (कोंकण प्रांत) के अध्यक्ष प्रवीण देशमुख ने की, जिन्होंने सरस्वती वंदना से शुरुआत की। संचालन डॉ. श्यामसुंदर पाण्डेय ने किया, जबकि डॉ. दुर्गेश दुबे ने सभी उपस्थित साहित्यकारों और श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।

गोष्ठी में अफसर दक्कनी, संजय द्विवेदी, प्राजक्ता कुलकर्णी, सतीश केतकर, सत्यभामा सिंह, नंदा कोकाटे, मदन गोपाल गुप्ता, अश्विनी मजूमदार, उज्ज्वला लुकतुके, डॉ. रघुनाथ पाटील, नागेश पवार, सुमित्रा गुप्ता, सुनील महस्कर, सुभाष जैन, संतोष शर्मा, परमजीत सिंह, सोनाली जाधव सहित कई साहित्यकारों ने काव्यपाठ किया।

कार्यक्रम की सफलता में कृति, जान्हवी, सुमिता, सुष्मिता, अनिल और प्रान्शी सहित साहित्यप्रेमी छात्रों का विशेष योगदान रहा। इस आयोजन ने साहित्य जगत में एक नई ऊर्जा का संचार किया और बसंत पंचमी के महत्व को रचनात्मक अभिव्यक्ति दी।

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