सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राज में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल, पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक `आंगनवाड़ी’ में बच्चों के लिए बने मध्याह्न भोजन के पैकेट में कथित तौर पर एक छोटा मरा हुआ सांप मिला। राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ की उपाध्यक्ष आनंदी भोसले ने बताया कि इस मामले की सूचना सोमवार को एक बच्चे के माता-पिता ने दी थी। अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और पलुस-कादेगांव के विधायक विश्वजीत कदम ने इसे एक गंभीर घटना बताते हुए मौजूदा मानसून सत्र में विधानसभा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने घटना की जांच और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिला अधिकारी ने बताया कि बच्चे के माता-पिता ने तस्वीर खींचकर सांप को फेंक दिया था। बाद में ये तस्वीर स्थानीय आंगनवाड़ी सेविका कार्यकर्ता को भेज दी। तस्वीर के बावजूद पैकेट से खाने का नमूना लिया गया और जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। आनंदी भोसले ने बुधवार को कहा, `छह महीने से तीन साल की उम्र के बच्चों को आंगनवाड़ियों में खाने के पैकेट मिलते हैं, जिसमें दाल, खिचड़ी होती है। सोमवार को पलुस में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा भोजन के पैकेट बांटे गए। इसके बाद एक बच्चे के माता-पिता ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें जो पैकेट मिला, उसमें एक छोटा मरा हुआ सांप मिला। इसके बाद आंगनवाड़ी `सेविका’ ने अधिकारियों को घटना की सूचना दी। उन्होंने कहा कि जबतक सेविका ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी, तब तक माता-पिता संदिग्ध मृत सांप को पहले ही पैकेट से निकालकर फेंक चुके थे। यह भी दावा किया कि भोजन के पैकेट की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार ठेकेदार के बारे में शिकायतें मिली हैं।
यह एक गंभीर मुद्दा
विधायक कदम ने कहा, `गर्भवती महिलाओं और छह महीने से तीन साल की उम्र के बच्चों को दिए गए मिड-डे मील में एक मरा हुआ सांप का बच्चा मिला। यह एक गंभीर मुद्दा है। सरकार को समझना चाहिए कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों की जान जोखिम में है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।’