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पुलिस भर्ती भी ठेके से! विपक्ष बोला, सरकार का दिमाग ठिकाने पर है क्या? रोहित पवार भी सरकार पर बरसे

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में पुलिस बल की कमी को दूर करने के लिए तीन हजार पुलिसकर्मियों की ठेका पद्धति से भर्ती करने का निर्णय गृहविभाग ने लिया है। राज्य के सुरक्षा महामंडल द्वारा ठेका पद्धति से अधिक से अधिक ११ महीने के लिए यह भर्ती करने का निर्णय किया गया है। मुंबई पुलिस में तीन हजार पद ठेका पद्धति से भरने का निर्णय लिया गया है।
राज्य सुरक्षा महामंडल ने ठेका पद्धति से अधिक से अधिक ११ महीनों के लिए की जानेवाली पुलिस भर्ती पर कांग्रेसी विधायक भाई जगताप भड़क हुए हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य सुरक्षा महामंडल का दिमाग खराब हो गया है क्या? उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस विश्व के दूसरे नंबर की पुलिस है। चार महीने पहले पुलिस भर्ती निकाली गई थी। उस समय पोस्ट-ग्रेजुएशन करने वाले बच्चे नौकरी के लालच में मुंबई आए थे। उन्हें किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी गई। इसी दौरान सांप के काटने से एक युवक की मौत भी हो गई। उस समय की जानेवाली भर्ती का क्या हुआ? ऐसा सवाल उन्होंने सरकार से किया।
गृह विभाग के इस निर्णय पर राकांपा विधायक रोहित पवार ने नाराजगी व्यक्त की है। रोहित पवार ने कहा कि भाजपा ने जिस प्रकार से राजनीतिक दलों में तोड़फोड़ करने की प्रथा शुरू करके महाराष्ट्र की शालीन राजनीति को मलिन किया है, उसी प्रकार से ठेका पद्धति से पुलिस भर्ती करके पहले से बिगड़ी कानून-व्यवस्था को पूरी तरह से खराब करने का भाजपा का दांव तो नहीं है, ऐसी शंका हो रही है। लाखों युवा पुलिस भर्ती के लिए प्रयत्न कर रहे हैं, उनको नजरअंदाज करके ठेका पद्धति से भर्ती करने का निर्णय गलत है, ऐसा ट्वीट रोहित पवार ने किया है। राज्य सरकार ने २१ जनवरी २०२१ को ७,०७६ कांस्टेबल और ९९४ वाहनचालकों की भर्ती को मंजूरी दी है। यह प्रक्रिया पूरी होने में दो साल लगनेवाले हैं, तब तक ११ महीने के लिए ठेका पद्धति से पुलिस जवानों की नियुक्ति की जाएगी।

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