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ईमानदार सिपाही का आगाज :  गाजीपुर में १० वसूलीबाजों पर गाज! …आईपीएस, दारोगा, हवलदार सभी पर एफआईआर

सामना संवाददाता / गाजीपुर
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के नंदगंज पुलिस स्टेशन में एक पुलिस वाले की आगाज के कारण अवैध उगाही मामले में एक एसपी, दरोगा सहित १८ पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। इसमें चंदौली जिले के एसपी रहे अमित कुमार के साथ तत्कालीन कोतवाल, दारोगा और कई सिपाहियों के नाम शामिल हैं। दरअसल, साल २०२१ में चंदौली में तैनात सिपाही अनिल कुमार सिंह ने पुलिस वालों द्वारा की जा रही अवैध धन वसूली का भंडाफोड़ किया था। जांच में सिपाही के आरोपों को सही पाया गया था, जिसके बाद तत्कालीन एसपी अमित कुमार के साथ सभी १८ पुलिस वाले सिपाही अनिल की जान के पीछे पड़ गए।
सिपाही अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि रसूखदार अफसरों ने इस भंडाफोड़ के बाद चार लोगों की हत्या कराकर उसका भी अपहरण करने का प्रयास किया था। पीड़ित अनिल वाराणसी का रहने वाला है। जबकि, गाजीपुर के नंदगंज के ग्राम बड़सरा में उसकी ससुराल है। आरोप है कि जुलाई, २०२१ को ससुराल से उसके अपहरण की असफल कोशिश की गई थी। जिसके बाद अनिल द्वारा नंदगंज थाने में तहरीर दी गई, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
आखिर में मामला सीजीएम कोर्ट १५६/३ में गया, फिर हाई कोर्ट गया, जहां से केस दर्ज करने का आदेश पारित हुआ। लेकिन फिर भी केस दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में कोर्ट के आदेश पर आखिरकार २७ नवंबर को केस दर्ज हुआ। हाई कोर्ट के आदेश पर इन सभी पुलिस वालों के खिलाफ लगभग तीन साल बाद कल नंदगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि गाजीपुर के नंदगंज थाने में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जहां एक सिपाही अनिल कुमार सिंह की शिकायत पर उसके ही विभाग के एसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और अन्य सिपाहियों के खिलाफ लगभग १० संगीन आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

बलिया में भैंस पर भी ले ली एक लाख की रिश्वत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में पुलिस वालों की इतनी `दादागीरी’ बढ़ गई है कि वे रिश्वत के लिए लोगों को गाय-भैंस बेचने तक को मजबूर कर दे रहे हैं। ऐसी एक घटना उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से प्रकाश में आई है। इसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस महकमा में हड़कप मच गया। मामला बढ़ते देख अधिकारियों ने संबंधित पुलिसकर्मिंयों को निलंबित कर दिया। यूपी के बलिया में एक व्यक्ति से एक लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को एसपी ने सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने उस व्यक्ति को अपनी भैंस बेचकर और दोस्तों से कर्ज लेकर रिश्वत देने के लिए दबाव बनाया था। जिले के एसपी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के बलिया में दो पुलिसकर्मियों को एक शख्स से १ लाख रुपए की वसूली किए जाने के आरोप के बाद निलंबित कर दिया गया है। एसपी विक्रांत वीर ने दो आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की पुष्टि की है।
एसपी ने बताया कि घटना २५ नवंबर को उस समय सामने आई जब भरौली गांव के निवासी रुदल यादव ने नरही थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। यादव ने आरोप लगाया कि कांस्टेबल कौशल साहनी और श्रीशीलाल बिंद ने उसे जबरन पुलिस स्टेशन बुलाया, अपने बैरक में ले जाकर उससे १ लाख रुपए की मांग की और जबरन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए। रिपोर्ट के मुताबिक, रुदल यादव ने यह भी बताया कि आरोपियों ने उसे मजबूर किया कि वह अपनी भैंस बेचकर और एक दोस्त से पैसे उधार लेकर उनकी मांग पूरी करे। यादव की शिकायत के बाद इस मामले की जांच सदर सर्कल अधिकारी को सौंपी गई जिसमें दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए।
निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
एसपी ने बताया कि दोषी पाए जाने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ आपराधिक साजिश और अवैध दबाव डालने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

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