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बिहार में दही-चूड़ा का सियासी खेल … सीएम को दावत देकर चंपत हुए चिराग! …लालू का नीतीश को खुला न्योता

तेज प्रताप बोले, ‘घुसने नहीं देंगे’
सामना संवाददाता / पटना
बिहार में कल मकर संक्राति के दिन दही-चूड़ा का जोरदार सियासी खेल देखने को मिला। सीएम नीतीश कुमार को दही-चूड़ा खाने का न्योता देकर लोजपा नेता चिराग पासवान चंपत हो गए। नीतीश जब चिराग के दफ्तर पहुंचे तो चिराग वहां नहीं थे। ऐसे में १० मिनट वहां रुककर नीतीश बिना दही-चूड़ा खाए ही वहां से निकल गए। उधर, लालू ने भी नीतीश को दही-चूड़ा खाने का न्योता दिया पर खबर लिखे जाने तक नीतीश वहां नहीं दिखे थे। बता दें कि पिछली बार दही-चूड़ा के दावत में ही समीकरण बदले थे और नीतीश ने पलटी मारी थी।
बता दें कि नीतीश और चिराग के बीच रिश्ते बनते-बिगड़ते रहते हैं। बिहार की राजनीति में नीतीश और चिराग पासवान की दोस्ती और ‘दुश्मनी’ दोनों के चर्चे मीडिया की सुर्खियां बन जाते हैं। चिराग और नीतीश के बीच के रिश्ते हमेशा से एनडीए के लिए जी का जंजाल रहे हैं। बिहार में चुनाव होने में अभी ८ से ९ महीने बचे हैं, लेकिन दोनों के बारे में एक बार फिर से मीडिया में तरह-तरह की खबरें आ रही हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या चिराग पासवान को नीतीश कुमार के आने की खबर नहीं थी?
रिश्ते फिर सामान्य हुए
लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के रिश्ते फिर से सामान्य होने लगे। हाल के दिनों में दोनों की कई बार मुलाकात भी हुई है। चिराग खुद और अपने नेताओं के साथ भी सीएम आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मिलते रहे हैं। नीतीश ने चिराग को एलजेपी कार्यालय दोबारा से वापस दिलाने में भी अहम रोल अदा किया था।

मीसा ने किया स्वागत
नीतीश कुमार के महागठबंधन में आने का लालू यादव और मीसा भारती तो भले ही स्वागत कर रहे हैं, लेकिन लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीधे तौर पर नीतीश कुमार के साथ आने की बात को नकार देते हैं। तेजस्वी के साथ ही तेज प्रताप ने भी गुस्सा करते हुए कहा कि वे नीतीश को घुसने नहीं देंगे।

विधानसभा चुनाव में कड़वाहट
चिराग और नीतीश के बीच रिश्ते में कड़वाहट साल २०२० के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी देखने को मिली थी, जब चिराग ने जेडीयू वैंâडिडेट के सामने एलजेपी प्रत्याशी खड़े कर दिए थे। जेडीयू को उस चुनाव में ५० सीट भी नहीं मिल पार्इं। इसका नतीजा यह हुआ कि नीतीश कुमार ने खून का घूंट पीकर सीएम बनना तो मंजूर कर लिया, लेकिन वह अंदर ही एनडीए और चिराग पासवान को लेकर नाराज थे।

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