रमेश सर्राफ धमोरा झुंझुनू
राजस्थान की धौलपुर विधानसभा सीट पर जीजा साली में मुकाबला होगा। यहां भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर शिवचरण कुशवाहा व कांग्रेस की प्रत्याशी शोभारानी कुशवाहा आपस में जीजा-साली हैं। राजनीति के मैदान में दोनों एक-दूसरे के पुराने प्रतिद्धंद्वी भी हैं। २०१८ के विधानसभा चुनाव में शोभारानी कुशवाहा भाजपा प्रत्याशी थी। वहीं डॉक्टर शिवचरण कुशवाहा कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे थे। मगर अब स्थिति उल्टी हो गई है। डेढ़ साल पूर्व भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाहा को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने के कारण भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया तो वह कांग्रेस में शामिल हो गर्इं। कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी भी बना दिया है। वहीं पिछली बार कांग्रेस से चुनाव लड़कर हार चुके डॉक्टर शिवचरण कुशवाहा भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने उन्हें टिकट दे दिया है। अब विधानसभा चुनाव में पिछली बार के प्रत्याशी दल बदल कर दूसरी पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं।
हनुमान-रावण का गठबंधन
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उत्तर प्रदेश के दलित नेता व आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण से राजस्थान विधानसभा चुनाव में गठबंधन करने का एलान किया है। दोनों नेताओं ने एक साथ प्रेस कॉन्प्रâेंस कर गठबंधन पर मोहर लगा दी है। पिछले काफी दिनों से हनुमान बेनीवाल गठबंधन करने के लिए साथी की तलाश में थे। अब उन्हें चंद्रशेखर रावण मिल गया है। रावण की पार्टी का राजस्थान में कोई जन आधार नहीं है और वह पहली बार चुनाव मैदान में उतर रही है। चर्चा है कि हनुमान बेनीवाल ने पहले बसपा से गठबंधन का प्रयास किया था। मगर बसपा अकेले ही चुनाव लड़ने जा रही है। इसलिए बेनीवाल ने चंद्रशेखर रावण से गठबंधन कर प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाने की शुरुआत कर दी है। राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि रावण का उत्तर प्रदेश में भी कोई जन आधार नहीं है। ऐसे में वह राजस्थान में बेनीवाल को कितना लाभ दिला पाएंगे इसका पता तो चुनाव के बाद ही चलेगा।
गहलोत की गारंटी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर कहा जाता है। चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थिति हो वह कभी हार नहीं मानते हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में तीन कार्यकाल पूरे करने जा रहे गहलोत अगली बार फिर से सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री की कुर्सी उनको छोड़ती ही नहीं है। चुनावी आचार संहिता लगने के बाद भी वह मतदाताओं को जोड़े रखने का कोई अवसर नहीं चूकते हैं। हाल ही में उन्होंने राजस्थान के लोगों को सात गारंटी दी है। उनका कहना है कि अगली बार सरकार बनने पर वह गारंटी के रूप में दिए गए अपने वादों को पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा चुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है तथा लगातार जनसंपर्क करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने अपने अधिकांश समर्थकों के टिकट भी क्लियर करवा लिए है। चर्चा है कि टिकट वितरण में भी उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को बहुत पीछे छोड़ दिया है।
जीजी की मनुहार
जोधपुर के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रही भाजपा नेता सूर्यकांता व्यास (जीजी) का अधिक उम्र के चलते पार्टी ने टिकट काटकर उनके स्थान पर नए प्रत्याशी देवेंद्र जोशी को उम्मीदवार बनाया है। जीजी की उम्र ९० वर्ष हो चुकी है तथा उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि मैं मरते दम तक चुनाव लडूंगी। पिछले दिनों अशोक गहलोत की तारीफ करने के चलते उनका केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से विवाद भी हो गया था। सूरसागर से प्रत्याशी बनाए गए देवेंद्र जोशी गजेंद्र सिंह के नजदीकी माने जाते हैं। सूर्यकांता व्यास का टिकट कटने के बाद रात को १२ बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनसे मिलने उनके घर गए थे, जिसके बाद जोधपुर शहर की राजनीति में सरगर्मियां तेज हो गई। मुख्यमंत्री के जीजी से मिलने उनके घर जाने के बाद सुबह होते ही भाजपा के नेता भी उनके घर पहुंच गए। हालांकि, जीजी का कहना है कि वह भाजपा प्रत्याशी का प्रचार करेगी। मगर मुख्यमंत्री गहलोत की गुगली से भाजपा नेता परेशान हैं।
(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार हैं एवं राजनैतिक मामलों के विशेषज्ञ हैं।)