रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना कोटा दौरा अचानक रद्द करना पड़ा। रात को दो बजे ट्वीट कर गहलोत ने कोटा के कार्यक्रम में उपस्थित नहीं होने की सूचना दी थी। कोटा में चंबल रिवर फ्रंट सहित कुल १,४०० करोड़ रुपयों के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया जाना था। उसके अगले दिन वहां राजस्थान मंत्रिमंडल की बैठक का भी आयोजन होना था। इसके लिए कांग्रेस के सभी मंत्री, विधायकों को सूचना भिजवा दी गई थी। मगर अंतिम समय में पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक भरत सिंह द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना मुंडन करवा कर मुख्यमंत्री गहलोत की यात्रा का विरोध करने की घोषणा करने व भाजपा के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल द्वारा प्रेस कॉन्प्रâेंस कर चंबल रिवर प्रâंट के निर्माण में नियमों के अनदेखी की बात उजागर करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा यात्रा रद्द करना ही उचित समझा।
सरेंडर हुए पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने सरेंडर हो गए हैं। हाल ही में टोंक जिले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की एक जनसभा का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ सचिन पायलट भी उपस्थित हुए थे। कार्यक्रम मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा आयोजित करवाया गया था। प्रियंका गांधी के टोंक दौरे के बाद सचिन पायलट की भाषा पूरी तरह बदली नजर आ रही है। उनके बयानों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की खिलाफत रुक गई लगती है। अब पायलट जनसभाओं में कह रहे हैं कि राजस्थान कांग्रेस में कोई फूट नहीं है। न ही किसी नेता का कोई गुट है। सभी कांग्रेस नेता एकजुटता के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे। पायलट का कहना है कि चुनाव के बाद विधायक दल के नेता का पैâसला चुने गए विधायकों द्वारा किया जाएगा। सचिन पायलट के गहलोत के सामने सरेंडर करने के बाद उनके समर्थकों को अपने टिकट पर भी खतरा नजर आने लगा है।
बेनीवाल का कांग्रेस प्रेम
नागौर के सांसद व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल का झुकाव इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ हो रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश की पांच दर्जन सीटों पर चुनाव लड़कर तीन सीट जीती थीं। उसके बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन कर नागौर से सांसद बन गए थे। किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने भाजपा से गठबंधन को तोड़ दिया था। कुछ दिनों पूर्व तक वह सचिन पायलट को अपने खेमे में लेने के लिए कोशिश कर रहे थे मगर सफल नहीं हो पाए थे। बेनीवाल अब वसुंधरा राजे व सचिन पायलट को जमकर कोस रहे हैं तथा भाजपा की खुलकर बुराई कर रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ उनके बयानों में नरमी दिखने लगी है। सरकार ने डिस्ट्रिक मिनिरल फाउंडेशन ट्रस्ट से बेनीवाल की सिफारिश पर २२ करोड़ रुपए से ८८ नए कार्यों की स्वीकृति प्रदान की है।
भारतीय आदिवासी पार्टी का गठन
विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में आदिवासी नेताओं ने मिलकर एक और नई पार्टी का गठन किया है, जिसका नाम भारत आदिवासी पार्टी (बाप) रखा गया है। भारतीय आदिवासी पार्टी के गठन की घोषणा को लेकर डूंगरपुर जिले के गेंजी घाटा में एक बड़ी सभा हुई। इसमें राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई जगहों से आदिवासी लोग एकजुट हुए। चुनाव से पहले आदिवासी इलाके में नई क्षेत्रीय पार्टी की लॉन्चिंग से बीजेपी और कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। २०१८ के चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरने और डूंगरपुर जिले में दो विधायक जीताकर सबको चैंका देनेवाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) अगला चुनाव आने से पहले ही टूटकर बिखर गई। बीटीपी से जीते दोनों विधायकों राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने पिछले दिनों पार्टी छोड़ने का ऐलान कर नई पार्टी के गठन की घोषणा कर दी थी।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक हैं)