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‘राज’नीति : प्रियंका को कमान

रमेश सर्राफ धमोरा झुंझुनू

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इन दिनों राजस्थान में पूरी तरह से सक्रिय हो रही है। पहले टोंक फिर दौसा और झुंझुनू जिले में चुनावी सभाओं का आयोजन कर उन्होंने कांग्रेस की तरफ से प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। प्रियंका गांधी के राजस्थान में प्रचार करने से कांग्रेसी खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। प्रियंका गांधी ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश व कर्नाटक में धुआंधार प्रचार किया था और दोनों ही जगह कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही थी। ऐसे में कांग्रेस नेताओं का मानना है कि प्रियंका गांधी के आने से राजस्थान कांग्रेस को भी मजबूती मिलेगी। प्रियंका गांधी का राजस्थान के टिकट वितरण में भी पूरा प्रभाव है। दौसा में प्रियंका की उपस्थिति में गहलोत ने कांग्रेस प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की थी और सभी नाम कांग्रेस लिस्ट में शामिल हो गए। प्रियंका गांधी की उपस्थिति में झुंझुनू सभा में मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे सरकार बनने पर प्रदेश की सभी महिलाओं को ५०० रुपए में गैस सिलेंडर व प्रतिवर्ष १० हजार रुपए देने की घोषणा की है।
बसपा बिगाड़ेगी समीकरण
बहुजन समाज पार्टी का राजस्थान में ठीक-ठाक जनाधार रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने छ: सीटों पर जीत हासिल की थी। मगर पार्टी से जीते सभी ६ विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस बार के चुनाव में भी बसपा प्रदेश की सभी २०० सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने अभी तक दो दर्जन से अधिक सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। बसपा द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशियों के कारण भाजपा और कांग्रेस में बेचैनी व्याप्त हो रही है। कई सीटों पर बसपा के प्रत्याशी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की क्षमता रखते हैं। इसी के चलते अन्य दलों के प्रत्याशियों को संघर्ष कड़ा होता लग रहा है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा का कहना है कि हम इस बार ऐसे लोगों को टिकट दे रहे हैं, जो पार्टी से गद्दारी नहीं करेंगे। बसपा का मेवात, भरतपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, करौली, दौसा, धौलपुर, जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में अच्छा जनाधार है।
पति-पत्नी में मुकाबला
राजस्थान विधानसभा चुनाव में सीकर जिले की दातारामगढ़ सीट पर पति-पत्नी में मुकाबला देखने को मिलेगा। पति वीरेंद्र सिंह कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं तो पत्नी हरियाणा की जेजेपी पार्टी से उनके सामने ताल ठोक रही हैं। वीरेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे चौधरी नारायण सिंह के बेटे हैं तथा विधायक बनने से पूर्व प्रधान रह चुके हैं। वो पिछला चुनाव ९२० वोटों से जीते थे। उनकी पत्नी रीटा सिंह सीकर की जिला प्रमुख व कांग्रेस की प्रदेश सचिव रह चुकी है। रीटा सिंह पिछली बार भी टिकट की दावेदार थी। मगर नारायण सिंह ने अपने पुत्र वीरेंद्र सिंह को टिकट दिलवा दी थी, तभी से रीटा सिंह अलग ही लाइन पर चल रही है। जननायक जनता पार्टी ने रीटा सिंह का नाम दातारामगढ़ से प्रत्याशी के रूप में घोषित कर दिया है। रीटा सिंह के पति व कांग्रेस विधायक वीरेंद्र सिंह पिछली बार भी भाजपा प्रत्याशी से कड़े मुकाबले में जीत पाए थे। पति-पत्नी की लड़ाई का फायदा भाजपा उठा सकती है।
राजी हुए राजवी
जयपुर के विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र से टिकट कटने के बाद बागी तेवर अपनाए नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ से टिकट मिलते ही खुश हो गए हैं। राजवी चित्तौड़गढ़ से तीन बार चुनाव लड़ चुके है, जिसमें दो बार उन्होंने चुनाव जीता था। राजवी देश के उपराष्ट्रपति व राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भैरोंसिंह शेखावत के दामाद तथा उनके वारिस भी है। भाजपा ने विद्याधर नगर से राजवी का टिकट काटकर राजसमंद से सांसद व जयपुर की पूर्व राजकुमारी दिया कुमारी को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। राजवी के विरोध को देखते हुए पार्टी ने उन्हें चित्तौड़गढ़ से टिकट देकर अपनी गलती को सुधार लिया। राजवी के नाराज होने से पार्टी को राजपूत वोटरों के नाराज होने का डर सताने लगा था। वैसे ही २०१८ के चुनाव में राजपूत मतदाताओं की नाराजगी के चलते ही वसुंधरा राजे को सत्ता गंवानी पड़ी थी। हालांकि, राजवी को चित्तौड़गढ़ सीट पर पार्टी के मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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