– ६६ फीसदी फंड अब भी बकाया
– २.५ लाख से अधिक परिवारों को है आशियाने का इंतजार
सुनील ओसवाल / मुंबई
हर बात में जुमलेबाजी करनेवाली पार्टी भाजपा के लिए गरीबों का घर भी किसी जुमले से कम नहीं है। तभी तो महाराष्ट्र में ढाई लाख गरीबों को अभी तक पीएम आवास योजना के घर नहीं मिले हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि केंद्र के पास इस योजना का ६६ फीसदी फंड अभी भी बकाया है। जब फंड ही उपलब्ध नहीं होगा तो गरीबों को घर कहां से मिलेगा। गत लोकसभा चुनाव के दौरान इन गरीबों के घर के लिए केंद्र सरकार ने वादा किया था। पर अब जबकि महाराष्ट्र में गरीबों के लिए फंड ही नहीं है तो फिर यह बात जुमला ही कही जाएगी।
गरीबों को करना पड़ेगा और इंतजार
निकट भविष्य में नहीं पूरा होगा घर का सपना
लोकसभा चुनाव में गरीब मतदाताओं को लॉलीपॉप दिखाकर जल्दबाजी में मंजूरी दी गई पीएम आवास योजना महाराष्ट्र में अटक गई है। इस योजना के लिए धन की कमी हो गई है। राज्य के ३४ जिलों को तीन लाख परिवारों को घर बनाकर देने का लक्ष्य दिया गया था, पर अब फंड के अभाव में यह योजना निकट भविष्य में तो पूरी होती नहीं दिख रही।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना के लिए मंजूर ३,६०० करोड़ रुपयों में से मात्र १,२०० करोड़ रुपए का फंड ही महाराष्ट्र को मिला है। इस फंड से राज्य में ५५ हजार घर बनकर तैयार हैं और बाकी घरों का निर्माण धन के अभाव में बंद हो गया है। बता दें कि इस योजना की मंजूरी के बाद राज्य को पहली किस्त का फंड मिल गया था, जिसके बाद गरीबों के घर का निर्माण शुरू हो गया था। पीएम आवास योजना में पिछड़े व ओबीसी वर्ग के लाभार्थियों को घर दिया जा रहा है। पहली किस्त आने के बाद कई घरों का निर्माण शुरू हो गया था। बरसात से पहले काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। अब फंड की कमी के कारण जो लोग ऐसा नहीं कर पाए, उनके घरों का निर्माण बंद हो गए हैं। ऐसे में वे लोग बारिश के मौसम में खुले में रहने को मजबूर हैं।
इस योजना में एक घर के लिए १ लाख २० हजार रुपए दिए जाते हैं। मनरेगा में श्रम व्यय पर २१,००० तक का दावा किया जा सकता है। यदि पहले से शौचालय नहीं है तो एसबीएम से १२ हजार रुपए मिल सकते हैं।
विभिन्न जिलों में लक्ष्य
ठाणे २५३८, पालघर ४५८, रत्नागिरी ६३५६, भंडारा ११०३३, वाशिम १२४५५, गोंदिया १४४२९, अमरावती १४१७८, बुलढाणा जलगांव २९५३१ १७०५५ तथा यवतमाल २९९९९।