•चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी
विक्रम सिंह / अमेठी
एक जमाने में गांधी परिवार की कर्मस्थली रही अमेठी अब केंद्र की कद्दावर मंत्री स्मृति ईरानी की हो चुकी है। पांच साल से वे अमेठी के ताबड़तोड़ विकास का दावा कर रही हैं। बावजूद इसके एक गांव ऐसा है जहां के लोग अभी भी पगडंडियों पर चलने को मजबूर हैं। यहां पक्की सड़क नहीं है। ये गांव है गौरीगंज तहसील के जामो ब्लॉक का पूरे अल्पी। इस गांव के सरमें पुरवा के लोगों ने रोड न होने से नाराज होकर मतदान के बायकॉट का एलान कर दिया है। बैनर लगा दिए गए हैं..’नेताओं शर्म करो’, ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’।
यूपी के अमेठी जिले के गौरीगंज तहसील स्थित एक गांव में सड़क का निर्माण नहीं होने से नाराज स्थानीय लोगों ने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया है। जिला प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है तथा समस्या का समाधान कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा। सरमें पुरवा गांववासी ओमप्रकाश ओझा ने बताया कि गांव में जाने-आने का पक्का रास्ता नहीं है। बहुत मुश्किल होती है। बारिश के मौसम में स्थिति बदतर हो जाती है। हालात यह है कि गांव के लोगों को अपने बच्चों की शादी का आयोजन मजबूरन किसी दूसरी जगह करना पड़ता है। गांव में जल निकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी का भी सही बंदोबस्त नहीं है। और तो और जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना भी इस गांव तक नहीं पहुंची है। ग्रामवासी राम अभिलाष ने कहा कि स्थानीय लोग अपने जनप्रतिनिधियों से लगातार शिकायत करते रहे मगर किसी ने कोई सुनवाई नहीं की।लगातार उपेक्षा से तंग आकर हम चुनाव बायकॉट को मजबूर हो गए हैं।
…. अमेठी का रहा है हमेशा सत्ता में दबदबा
यह गांव उस अमेठी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है जो दशकों तक केन्द्र की सत्ता में दबदबा रखने वाले गांधी परिवार का सियासी गढ़ रहा। पिछले पांच साल से भाजपा की कद्दावर नेत्री व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी यहां से सांसद हैं। फिर भी ये बदहाली है।
गौरीगंज के उप जिलाधिकारी दिग्विजय सिंह ने ‘चुनाव बहिष्कार’ के लगाए गए बैनरों के विषय में बताया कि, जानकारी मिली है तथा मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद समस्या के समाधान का पूरा प्रयास किया जाएगा।