– कई प्रोजेक्टों का काम हुआ ठप
सामना संवाददाता / मुंबई
आम नागरिकों को सस्ते मकान देने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना के कई प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया है। नोडल एजेंसी म्हाडा के जरिए राज्य में ३८ परियोजनाओं को २०२२ तक पूरा करने की अनुमति दी गई थी, इसमें से कई परियोजनाएं राज्य सरकार की लापरवाही के कारणों से ठप पड़ गई हैं, जिसका मुख्य कारण घरों का महंगा होना बताया जा रहा है। अब म्हाडा कोकण मंडल के पास दस हजार से अधिक घर नहीं बिक रहे हैं। इन घरों को बेचने के लिए म्हाडा ‘पहले आओ पहले पाओ’ की स्कीम लाई है, इसके बावजूद आम आदमी इस परियोजना से मुंह मोड़ रहा है। साथ ही म्हाडा ने जिन बिल्डरों को एनओसी दी थी, वे भी घरों का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, लटकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए म्हाडा केंद्र सरकार से एक वर्ष बढ़ाने की मांग कर रहा है।
गौरतलब है कि देश के सभी नागरिकों को अपना घर मिलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई प्रधानमंत्री आवास योजना अब फेल साबित हो रही है। देश के अमृत महोत्सव पर देश के हर परिवार के पास पानी, २४ घंटे बिजली, शौचालय, पक्की सड़क २०२२ तक केंद्र सरकार ने देने का निर्णय लिया था, लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद लाखों लोग घरों से वंचित हैं। केंद्र सरकार ने म्हाडा को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया था। म्हाडा तय अवधि के भीतर पूरा करने में असमर्थ रही। शुरुआती दौर में म्हाडा के प्रधानमंत्री आवास योजना के घरों की कीमत तकरीबन ७ लाख थी, जो अब बढ़कर १६ लाख तक पहुंच गई, जो आम नागरिकों के पहुंच से दूर है। इसी के चलते जिन्होंने लॉटरी में विजय पाई थी, वे घर नहीं खरीद सके और घर म्हाडा को सरेंडर कर दिया। इस बार म्हाडा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के करीब दस हजार नहीं बिक रहे घरों को बेचने के लिए ‘पहले आओ पहले पाओ’ की स्कीम लाई है। बावजूद म्हाडा घर खरीददारों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है।