सामना संवाददाता / नई दिल्ली
अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को सीबीआई केस में जमानत मिलने के बाद नैतिकता के आधार पर सीएम पद से इस्तीफा देने का पैâसला किया। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था, `जब तक जनता अपना पैâसला नहीं दे देती, मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। मैं हर घर और गली में जाऊंगा और जब तक जनता का पैâसला नहीं मिल जाता, तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। इस्तीफा देने के एलान देने के बाद आज यानी १७ सितंबर को वे एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात कर इस्तीफा सौंप देंगे। जहां एक ओर केजरीवाल नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देनेवाले हैं, वहीं दूसरी ओर चूंकि आज पीएम मोदी ७५ साल के हो रहे हैं, ऐसे में क्या खुद मोदी भाजपा की `७५ वाले’ नियम का मान रखते हुए इस्तीफा देंगे? ऐसे सवाल आम जनता के जेहन में उठ रहे हैं। इसके अलावा राजनीतिक गलियारों में बीजेपी की `उम्र नीति’ अब संदेह के घेरे में आ गई है।
बता दें कि भाजपा के `७५ वर्ष’ वाले नियम के अनुसार, पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को उम्र का हवाला देते हुए उन्हें घर बैठने की नसीहत दी गई थी, जिनमें लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी ऐसे कई नामों की लंबी फेहरिस्त है। यहां तक की बीते लोकसभा चुनाव में कई नेताओं को उम्र का हवाला देकर पार्टी ने उनका टिकट भी काटा था। गौरतलब है कि २०१४ में जब पीएम मोदी ने अपनी वैâबिनेट चुनी थी तो उन्होंने ७५ साल से ऊपर के नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी थी। उस समय लाल कृष्ण आडवाणी ८६ और मुरली मनोहर जोशी ८० वर्ष के थे। इन दोनों नेताओं को बीजेपी ने मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया था, जिसका बीजेपी के कुछ नेताओं ने विरोध भी जताया था। यह पैटर्न आगे भी जारी रहा और जून २०१६ में मध्य प्रदेश वैâबिनेट विस्तार के दौरान ७५ साल पार कर रहे बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को भी मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को भी ८० पार करने पर कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई।
सीएम ने रखी थी पीएम के इस्तीफे की बात
२०२४ लोकसभा चुनाव के दौरान अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद चुनाव प्रचार अभियान पर लौटे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि २०२४ के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को वोट देना अमित शाह को प्रधानमंत्री के रूप में वोट देने के समान होगा, क्योंकि १७ सितंबर २०२५ को ७५ वर्ष के होने पर पीएम मोदी राजनीति से संन्यास ले लेंगे।’