सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के सियासी घमासान के बीच मीडिया को दिए साक्षात्कार में शरद पवार ने विभिन्न सवालों का खुलकर जवाब दिया। उन्होंने अजीत पवार के उस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं ८२ वर्ष की उम्र में काम कर सकता हूं। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं अभी बुजुर्ग नहीं हूं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों में कहा कि ‘न टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं?’ राकांपा अध्यक्ष के रूप में भी काम कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे रिटायर्ड होने के लिए कहनेवाले वे कौन होते हैं? मैं अभी काम कर सकता हूं और कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि मेरा एक ही टार्गेट है, नई पीढ़ी को तैयार करना। इसके लिए मैं पूरे जोर-शोर से काम पर लग गया हूं। अजीत पवार द्वारा की गई बगावत के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि यह मेरे लिए कोई झटका नहीं है, कारण कि इससे पहले ऐसा समय कई बार आया है, जिसे मैंने मात दी है। पार्टी को वैâसे खड़ा करना है, यह तस्वीर मेरे दिमाग में तैयार है। जो लोग गए उसकी कोई परवाह नहीं है।
भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं अजीत पवार
राकांपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि अगर पार्टी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति अवैध है तो प्रफुल्ल पटेल सहित अन्य लोगों की की गई सभी नियुक्तियां अवैध हैं। शरद पवार ने कहा कि प्रफुल्ल पटेल ने ही अध्यक्ष पद के लिए मेरा नाम प्रस्तावित किया था। मुझे दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था। इस दौरान शरद पवार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अजीत पवार भाजपा के इशारे पर नाच रहे हैं।
क्या यही है वंशवाद?
वंशवाद पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि अजीत पवार को ४ बार उपमुख्यमंत्री और मंत्री बनाया। चुनाव हारने के बाद भी प्रफुल्ल पटेल को यूपीए में मंत्री बनाया। पीएम संगमा की बेटी जैसे अन्य लोगों को मंत्री बनाया, लेकिन सुप्रिया सुले को मंत्री नहीं बनाया, क्या यह वंशवाद है? ऐसा सवाल उन्होंने किया।
राजनीति में किसी को शत्रु नहीं मानता
नासिक में आयोजित पत्रकार परिषद में शरद पवार ने कहा कि मैं राजनीति में किसी को शत्रु नहीं मानता हूं। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने पर पूछे गए सवाल पर शरद पवार ने कहा कि दोनों एक साथ आए तो मुझे आनंद होगा। इसके साथ उन्होंने राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील और जितेंद्र आव्हाड की तारीफ करते हुए कहा कि इन पर मुझे अभिमान है। अजीत पवार का यह कहना गलत है कि हम अगर शिवसेना के साथ जा सकते हैं तो भाजपा के साथ क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना में अंतर है। आपातकाल के दौरान और बाद में शिवसेना ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। हम भाजपा के खिलाफ है, ऐसा उन्होंने स्पष्ट किया।