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उद्योग मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश … सड़क घोटाले की एसआईटी जांच की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में सड़कों के कांक्रीटीकरण में देरी के लिए रोडवेज सॉल्यूशंस कंपनी को ब्लैकलिस्ट करके ६४ करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस तरह की जानकारी उद्योग मंत्री ने विधायक एड. अनिल परब को दी थी, जो सही नहीं है। प्रत्यक्ष तौर पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। इस तरह का दावा करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक एड. अनिल परब ने कल विधान परिषद में उदय सामंत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। इस बीच परब ने सभी सड़क घोटालों की जांच एसआईटी से कराने की भी मांग की। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, शशिकांत शिंदे आदि सदस्यों ने बुधवार को विधान परिषद में मुंबई में सड़कों के कांक्रीटीकरण में देरी और अनियमितताओं का मुद्दा उपस्थित किया था। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री ने गलत जानकारी दी थी। इस संबंध में अनिल परब ने नियम २६० के अंतर्गत प्रस्ताव रखा और गलत जानकारी देने के लिए उद्योग मंत्री के खिलाफ पीठासीन सभापति मनीषा कायंदे के समक्ष विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। सुधाकर शिंदे को मुंबई मनपा में अतिरिक्त आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। ये अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए मुंबई आए थे तब मनपा के खजाने से ३७ करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। ये अधिकारी आईएएस नहीं, आईआरएस हैं। हालांकि, सहायक अधिकारियों के कई पद खाली हैं और कई आईएएस अधिकारी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। परब ने यह भी आरोप लगाया कि यह अधिकारी चुनावी राजस्व इकट्ठा कर रहा है।
यह इलेक्शन फंड का घोटाला
अगर सरकार कहीं चूक रही है तो विपक्ष का काम है उसे उसकी गलती बताना, उसे आईना दिखाना। सरकार को सत्ता की मस्ती आ जाती है तब भी उसे बताने का काम विपक्ष करता है। हालांकि यह सरकार का आखिरी सत्र है। शत्रु को लगता है कि हम हार रहे हैं तो वह अपने पूरे राज्य को नष्ट करने लगता है। कुछ यही स्थिति इस सरकार की भी है। जो परियोजनाएं मंजूर हो चुकी हैं, उसे कार्यादेश देने और उसमें से कमीशन लेकर कल चुनाव में पैसा खर्च किया जाएगा। जिस मद के लिए टेंडर निकाला गया था, उसे चिन्हित कर लिया गया और उक्त पैसे का उपयोग चुनाव में किया जाना है। अनिल परब ने आरोप लगाया कि यह चुनावी फंड घोटाला है।

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