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प्रोजेक्ट पड़ताल : लेट पर लेट होती बुलेट! …२०२७ तक भी परियोजना के पूरे होने के आसार नहीं

ब्रिजेश पाठक
मुंबई-अमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की गति राज्य में सुस्त है। बुलेट ट्रेन लेट पर लेट होती जा रही है। बीकेसी से शिलफाटा तक की सुरंग का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है, जिसमें अब तक मात्र ३.३ किमी सुरंग की ही खुदाई पूरी की गई है, जिससे २०२७ तक भी परियोजना के पूरे होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। यह २१ किमी लंबी सुरंग मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का एक अहम हिस्सा होगी। इनमें से १६ किमी सुरंग टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) द्वारा और अंतिम ५ किमी न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड द्वारा बनाई जाएगी।
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) के अधिकारियों के अनुसार, मुंबई स्टेशन पर आधारभूत कार्य ७५ प्रतिशत पूरा हो गया है। अब तक १८.७ लाख घनमीटर मिट्टी में से १४ लाख घनमीटर मिट्टी की खुदाई हो चुकी है। ‘स्टेशन के लिए बेस स्लैब की ढलाई शुरू हो चुकी है और अब तक लगभग २५,००० घन मीटर कंक्रीट की ढलाई की गई है। इस गहरे भूमिगत स्लैब के लिए कुल आवश्यक कंक्रीट की मात्रा लगभग २ लाख घनमीटर होने की संभावना है।
भूमिगत निर्माण के लिए मजबूत रिटेनिंग वॉल बनाने की पद्धति सिकेंट पाइलिंग के तहत स्टेशन स्थल पर ३,३८४ पाइलिंग पूरी हो चुकी हैं। इस समय शिलफाटा की ओर से और एडिशनली ड्रिवन इंटरमीडिएट टनल पोर्टल से दो अन्य टनल का निर्माण कार्य हो रहा है। विक्रोली और सवली में दो वर्टिकल शाफ्ट भी क्रमश: ५६ मीटर और ३९ मीटर की आवश्यक गहराई तक पहुंच चुके हैं। पालघर जिले में सात पर्वतीय सुरंगों पर भी कार्य जारी है।

१४ नदी पुलों का निर्माण पूरा
एनएचआरसीएल ने अब तक २९३ किमी वायाडक्ट, ३७५ किमी पियर्स और ३९४ किमी के लिए फाउंडेशन का निर्माण पूरा किया है। ३२० किमी के लिए गर्डर कास्टिंग भी पूरी हो गई है। इसके अलावा गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली के विभिन्न जिलों में १४ नदी पुलों का निर्माण पूरा हो गया है। साथ ही सात स्टील ब्रिज और पांच प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट ब्रिजों का निर्माण भी हुआ है।

यात्रा समय में दो घंटे की कमी
मुंबई-अमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर कुल ५०८ किमी लंबा होगा, जिसमें १५६ किमी महाराष्ट्र में और ३५२ किमी गुजरात एवं दादरा और नगर हवेली में होंगे। यह बुलेट ट्रेन परियोजना, जिसका पूरा होने का अनुमानित समय २०२७ के अंत तक है। मुंबई से अमदाबाद की यात्रा का समय लगभग दो घंटा कम हो जाएगा। एनएचआरसीएल इस परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसे जापान के वित्तीय और तकनीकी सहयोग से बनाया जा रहा है।

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