– ३,४९९ पर मंडरा रहा है कार्रवाई का खतरा
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) द्वारा १०,७७३ लंबित हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को भेजे गए कारण बताओ नोटिसों पर डेवलपर्स की लापरवाही सामने आई है। लगभग आधे यानी ५,४४९ प्रोजेक्ट्स ने अब तक नोटिस का जवाब नहीं दिया है। इससे रियल इस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े हो रहे हैं। १,९५० प्रोजेक्ट्स के पंजीकरण को पहले ही निलंबित कर दिया गया है। इन प्रोजेक्ट्स के बैंक खाते सील कर दिए गए हैं और लेन-देन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद, ३,४९९ प्रोजेक्ट्स के डेवलपर्स ने महारेरा के नोटिसों को नजरअंदाज कर दिया है। महारेरा के नियमों के अनुसार, प्रत्येक प्रोजेक्ट के डेवलपर को समय-समय पर अपनी प्रगति की जानकारी वेबसाइट पर अपडेट करनी होती है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में डेवलपर्स इस प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं। इससे होमबायर्स को अपने प्रोजेक्ट की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है।
महारेरा ने अब ३,४९९ प्रोजेक्ट्स पर भी सख्त कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें पंजीकरण रद्द करने, आर्थिक दंड लगाने और संबंधित जिला रजिस्ट्रार को फ्लैट्स की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश शामिल हैं। महारेरा के चेयरमैन मनोज सौनिक ने कहा कि `रियल इस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, २०१६ का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। लेकिन प्रोजेक्ट्स की स्थिति को समय पर अपडेट करने की प्रक्रिया में डेवलपर्स की अनदेखी चिंताजनक है। जनवरी २०२३ में हुई समीक्षा में पता चला था कि ७४८ में से केवल ३ प्रोजेक्ट्स ने अपनी जानकारी अपडेट की थी। इस स्थिति में सुधार के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट्स नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि महारेरा को डेवलपर्स पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।