सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति के नेता कह रहे हैं कि ई-गवर्नेंस सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि लोगों की मानसिकता बदलने का एक जरिया है। लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ई-ऑफिस फाइल में राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग का काम महामार्गों पर गड्ढे पाटने के काम जितना ही धीमा है, जबकि आंकड़े बताते हैं कि बंजारा विभाग ई-ऑफिस के प्रयोग में भी ‘पिछड़’ रहा है।
महाराष्ट्र राज्य देश में ई-गवर्नेंस प्रणाली लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। महायुति सरकार भी बार-बार कहते आ रही है कि हमारी सरकार ने आईटी नीति बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ई-ऑफिस को बढ़ावा देने का आदेश दिया है, इसलिए राज्य में महायुति सरकार आने के बाद से ही सरकार ई-ऑफिस को लेकर शोर मचाने लगी है। इसी क्रम में मंगलवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि मंत्रालय का काम ई-ऑफिस के जरिए किया जाएगा, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कल मई, जून और जुलाई की मासिक सुधार रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मंत्रालय के कम से कम १३ विभिन्न विभाग ई-ऑफिस के इस्तेमाल में पीछे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग की मासिक सुधार रिपोर्ट में घुमंतू जाति-जनजाति विभाग, जल संरक्षण विभाग, कृषि, पशुपालन व डेयरी विकास विभाग, सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग, कौशल विकास विभाग ने ई-ऑफिस की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता बताई है।