सामना संवाददाता / पालघर
पालघर जिले में बुलेट की रफ्तार से रिश्वतखोरी जारी है। आलम यह है कि खुद पालघर का जिला मुख्यालय भी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है, जिससे पालघर की प्रगति को भ्रष्टाचार के दीमक खोखला किए जा रहे हैं। यहां का राजस्व विभाग तो भ्रष्टाचार के लिए बुरी तरह बदनाम है। सामान्य प्रशासन विभाग के डिप्टी कलेक्टर संजीव जाधव को मुंबई एसीबी के अधिकारियों की एक टीम ने एक मामले में ५०,००० रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। दिलचस्प बात यह है कि जब कुछ दिन पहले उनका तबादला हुआ था। लेकिन अभी भी वे अपने तबादले को रोकने में जुटे हुए थे। मिली जानकारी के मुताबिक, ५० वर्षीय डिप्टी कलेक्टर ने एक व्यक्ति से भूमि सौदे के लिए अनुमति देने के बदले में ५० हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित व्यक्ति ने भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई। टीम ने मंगलवार देर शाम कलक्ट्रेट कार्यालय में आरोपी को शिकायतकर्ता से रिश्वत की रकम लेते हुए पकड़ लिया। आरोपी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।