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शिंदे राज में जनता की जेब पर कैंची …मुंबईकरों को मिलेगा महंगा दूध!

किसानों को नहीं मिल रहा उचित मूल्य
 कल किया जोरदार प्रदर्शन

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई और पुणे शहर में गोकुल दूध महंगा होने से आम जनता का बजट न केवल डगमगा गया, बल्कि उनकी जेबों पर वैंâची भी चलेगी। बताया गया है कि बढ़ते खर्च और दूध के पाउडर में होनेवाली किल्लत के कारण दूध की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। दूसरी तरफ दूध की दर में भले ही वृद्धि हो रही है, लेकिन किसानों को उचित दर नहीं मिल रहा है। इसके खिलाफ राज्य के कई जिलों में किसानों ने आंदोलन कर विरोध प्रदर्शन किया। कल हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दूध उत्पादक किसानों के लिए दूध की दरों में प्रति लीटर ३० रुपए तो ५ रुपए अनुदान देने का निर्णय लिया गया तो वहीं पाउडर वाले दूध में भी ३० रुपए का अनुदान देने की बात कही गई। एक जुलाई से यह दर लागु की गई है।
दूध कंपनियों ने बढ़ाए दाम
मुंबई और पुणे शहर में दूध महंगा हो गया है। गोकुल दूध संघ ने पुणे और मुंबई में गाय के दूध की बिक्री दर बढ़ा दी है। एक जुलाई से गाय के दूध की कीमत दो रुपए प्रति लीटर बढ़ गई है। हालांकि, पुणे और मुंबई को छोड़कर महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में बिक्री दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। बता दें कि जून की शुरुआत में अमूल और मदर डेयरी ने दूध के दाम दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए थे। इसके बाद कर्नाटक मिल्क फेडरेशन की ओर से नंदिनी दूध की कीमत बढ़ा दी गई। अब गोकुल दूध के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। ऐसे में मुंबई और पुणे में आम आदमी का मासिक बजट बिगड़ने वाला है।
आक्रामक हुए किसान
दूध उत्पादक किसानों का आरोप है कि भले ही दूध की कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन किसानों को दूध की उचित कीमत नहीं मिल रही है। इसके चलते सोलापुर जिले के करमाला तालुका के केम में आंदोलन चल रहा है। दूध डेयरी के चेयरमैन समेत दूध उत्पादक किसानों ने दूध से नहाते हुए नारेबाजी की है। राज्य सरकार द्वारा दूध की दरों की घोषणा के बाद भी दूध उत्पादक आक्रामक हैं।

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