सामना संवाददाता / इंदौर
इंदौर से २५ किलोमीटर दूर तिल्लौर गांव में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने अनोखा कारनामा किया है। ४० किलोमीटर लंबी सड़क में ३००-४०० मीटर अधूरे छोड़ दिए। अधिकिारियों का कहना है कि बिजली के पोल की वजह से निर्माण कार्य नहीं किया गया। तीन साल पहले तिल्लौर से पिपल्दा तक इस सड़क को बनाने का काम शुरू किया गया था। यह सड़क अोखलेश्वर मंदिर तक जुड़ी हैै। इस प्राचीन मंदिर में काफी पर्यटक जाते है, लेकिन बीच-बीच में गायब सड़क को देखकर हैरान रह जाते हैं। सड़क के बीच में खड़े बिजली के पोल हादसे की वजह बन रहे हैं। प्पीडब्ल्यूडी अफसरों का कहना है कि सड़क बनाने से पहले बिजली कंपनी को पोल हटाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन नहीं हटाये गए। इस कारण सड़क कुछ हिस्सों में नहीं बन पाई है। उधर बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी की तरफ से लाइन शिफ्ट करने के लिए राशि मुहैया नहीं कराई जा रही है। पोल शिफ्टिंग का काम सड़क बनाने से पहले होता हैै। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनाने में करोड़ों रुपए खर्च हुए, लेकिन अफसरों की लापरवाही ग्राामीणों पर भारी पड़ रही है। पोल के कारण कई हिस्से अधूरे हैं।