सामना संवाददाता / मुंबई
ठाणे खाड़ी किनारा मार्ग प्रोजेक्ट ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। २,७०० करोड़ रुपए का यह कॉन्टैक्ट मुंबई विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने मेसर्स नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को दिया है। वह भी ५ सितंबर २०२४ को। खास बात यह है कि यह निर्देश १८ दिसंबर २०२४ को जारी किया गया था। अब सवाल यह उठता है कि यह कॉन्ट्रैक्ट बिना किसी मंजूरी के वैâसे दिया गया? क्या एमएमआरडीए ने नियमों को दरकिनार किया। अब इसे लेकर कई अड़चनें सामने आ रही हैं। जैसे तिवर जंगलों की कटाई, समुद्र के किनारे से रास्ता गुजरने की समस्या और तो और नौसेना का विरोध, मानो यह प्रोजेक्ट किसी बड़े तूफान से टकराने के लिए तैयार है।
ठाणे खाड़ी किनारा मार्ग प्रोजेक्ट की प्रक्रिया में लगातार उलझनें बढ़ती जा रही हैं। यह प्रोजेक्ट कुल १३.४५ किमी लंबा होगा। इसमें ६ मार्गों वाला ४० मीटर चौड़ा रास्ता होगा। इसके साथ ही इसमें ८.११ किमी उन्नत मार्ग और ५.२२ किमी भूमि आधारित रास्ता शामिल है। साथ ही कलवा खाड़ी पर १२० मीटर लंबा एक पुल भी बनेगा। इस प्रोजेक्ट का कुल खर्च २,७२७ करोड़ रुपए है। इसे एमएमआरडीए द्वारा संचालित किया जा रहा है। अब सवाल यह है कि इतने बड़े खर्चे और योजनाओं को बिना मंजूरी वैâसे किया जा सकता है। खासकर, जब इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरणीय मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई है।