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वंदेभारत की निर्माण गुणवत्ता पर उठ रहा है सवाल, पहले ट्रेन का अगला हिस्सा अब बैटरी बॉक्स में आग

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर भारत की सबसे तेज चलनेवाली ट्रेन के रूप में वंदेभारत एक्सप्रेस को लॉन्च किया गया है। वंदे भारत के उद्घाटन के नाम पर केंद्र सरकार रेलवे स्टेशनों को बखूबी अपने प्रचार प्रसार में इस्तेमाल कर रही है लेकिन उसे यात्री सुरक्षा का कोई खास खयाल नहीं है। ओडिशा बालासोर घटना इसका प्रमाण है। पहले वंदे भारत एक्सप्रेस का अगला हिस्सा छतिग्रस्त होने और अब इसकी बैटरी बॉक्स में आग लगने की घटना से यात्री सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।
बैटरी बॉक्स में लगी आग
सोमवार सुबह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से नई दिल्ली जा रही वंदे भारत ट्रेन के एक कोच के बैटरी बॉक्स में आग लग गई। इस आग ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया और सुरक्षा के साथ निर्माण गुणवत्ता की बहस शुरू हो गई।
कई बार टूटा ट्रेन का अगला हिस्सा
वर्तमान समय में कुल २५ वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं। शुरुआती दौर में सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में सिर्फ एक महीने में चार बड़ी दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। मुंबई-गांधीनगर मार्ग पर घटनाएं प्रमुख रूप से दर्ज की गईं। इसके अलावा वाराणसी-दिल्ली मार्ग पर परिचालन संबंधी समस्या सामने आई थी। कई बार पशुओं के टकराने मात्र से ट्रेन का अगला हिस्सा गंभीर रूप से छतिग्रस्त हो गया।
परिचालन संबंधी गड़बड़ी
इसके अलावा, ट्रेन को शुरूआती साल के अक्टूबर में ही परिचालन संबंधित समस्या का सामना करना पड़ा। जब दनकौर और वैर रेलवे स्टेशनों के बीच इसके एक रेक का पहिया जाम हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके एक कोच की ट्रैक्शन मोटर के बियरिंग में खराबी आ गई। सोशल मीडिया पर चला है ट्रेंड
पिछले कुछ दिनों से कई सोशल मीडिया यूजर्स सोशल मीडिया पर वंदेभारत की खराब गुणवत्तावाली सीटों के बारे में लगातार शिकायतें कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ट्रेन के अंदर टूटी और लटकी हुई सीटें दिखानेवाले कई वीडियो फिलहाल ट्रेंड कर रहे हैं।
उच्चस्तरीय जांच की जरूरत
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले कई सालों a अन्य ट्रेनों में वीआरएलए बैटरी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें आज तक कभी आग नहीं लगी लेकिन यह नई तकनीक में जब आग लग रही है तो इसमें उच्चस्तरीय जांच की जरूरत है।

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