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पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल …मोनो रेल की तरह न हो जाए इस प्रोजेक्ट का हाल …एमएमआरडीए के लिए साबित होगा दूसरा सफेद हाथी

सामना संवाददाता / मुंबई
एक तरफ जहां एमएमआरडीए ने मुंबई के सबसे महंगे यात्री किराए वाले प्रोजेक्ट का विस्तार करने का मन बनाया है, वहीं ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट ने मुंबई में बननेवाली देश की पहली पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट की सफलता पर सवाल उठाया है। एक्सपर्ट ने पॉड टैक्सी के प्रति किमी २१ रुपए के प्रस्तावित किराए पर भी सवाल उठाया है, वहीं विश्व की गिनी-चुनी कंपनी द्वारा ही पॉड टैक्सी की सप्लाई करने की वजह से एक्सपर्ट ने पॉड टैक्सी का हाल मोनो रेल की तरह होने पर संदेह जताया है।
ट्रैफिक एक्सपर्ट अशोक दातार के अनुसार, पॉड टैक्सी जैसे महंगे प्रोजेक्ट के बजाय एमएमआरडीए को बस सेवा में सुधार करना चाहिए। पॉड टैक्सी से कुर्ला से बीकेसी का सफर तय करने के लिए यात्रियों को करीब १५० रुपए खर्च करने होंगे, जबकि मौजूदा समय में बेस्ट की बसों से यह सफर केवल ५ से १० रुपए में पूरा हो रहा है। वहीं शेयर रिक्शा से २०-३० रुपए में सफर पूरा होता है। ऐसे में कितने यात्री इस सफर के लिए १५० रुपए खर्च करने के लिए तैयार होंगे, यह सोचने वाली बात है। ऐसे महंगे प्रोजेक्ट के बजाय एमएमआरडीए को हर मेट्रो स्टेशन को बस से कनेक्ट करने और बसों की सेवा में विस्तार करना चाहिए। ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट एवी शेनॉय के मुताबिक, मोनो रेल के आरंभ में मोनो रेल की सप्लाई और रख-रखाव के लिए एमएमआरडीए को विदेशी कंपनी पर निर्भर रहना पड़ा था। कंपनी द्वारा सप्लाई रोक देने के कारण मोनो रेल सेवा पर बहुत बुरा असर हुआ है।

शेनॉय ने कहा कि अगर पॉड टैक्सी की सप्लाई भी कंपनी ने रोक दी तो यह प्रोजेक्ट एमएमआरडीए के लिए दूसरा सफेद हाथी साबित होगा। मौजूदा समय में मुंबई में अंडरग्राउंड मेट्रो का किराया सबसे अधिक है। मेट्रो-३ में १२.२ किमी का सफर करने के लिए यात्रियों को ५० रुपए खर्च करने पड़ते है, वहीं पॉड टैक्सी में ८.८० किमी का सफर करने के लिए यात्रियों को १५० रुपए देना होगा।

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