तो मनपा कैसे दिला पाएगी बीमारी से मुक्ति?
सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा ने कल ‘स्वास्थ्य दिन’ के मौके पर वैक्सीनेशन को मजबूती प्रदान करते हुए साल २०२४-२५ में समूचे मुंबई को खसरामुक्त करने का लक्ष्य रखा। इसी क्रम में मनपा की तरफ से खसरे के लिए शहर में ९५ फीसदी टीकाकरण करने की तैयारी दर्शायी गई है। हालांकि, अभी से ही मनपा के खसरामुक्त मुंबई अभियान पर सवाल उठने लगे हैं। जानकारों का कहना है कि शिंदे सरकार में मनपा का मनमाने तरीके से कामकाज चल रहा है। मनपा की स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से चरमराई हुई है। ऐसे में मनपा किस तरह से इस बीमारी से मुंबईकरों को मुक्ति दिला पाएगी।
उल्लेखनीय है कि बीते करीब ढाई सालों से मनपा जनप्रतिनिधि विहीन है। ऐसे में मनपा के सभी विभागों का कामकाज आयुक्त व प्रशासक की निगरानी में रामभरोसे ही चल रहा है। इसी में शिंदे सरकार भी मनपा के कामकाज में दखलअंदाजी कर रही है। इससे सभी विभागों में लापरवाही अपने चरम पर है। लापरवाही की इस फेहरिस्त में मनपा का स्वास्थ्य विभाग भी शामिल है। मुंबई मनपा पांच प्रमुख अस्पताल, १६ उपनगरीय अस्पताल आदि स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित कर रही है। इन सभी पर मनपा प्रशासन की ओर से हर साल हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य प्रणाली में खासा सुधार होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। मनपा के सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और दवाखानों में इलाज कराने के इरादे से पहुंच रहे सभी मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जनहित में चलाई जा रही कई योजनाओं की भी हवा निकलते हुए दिखाई दे रही है।
सफल हो पाएगा मनपा का लक्ष्य?
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मनपा ने नियमित टीकाकरण को मजबूत करने और खसरे को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इसमें दिल्ली और महाराष्ट्र स्तर के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उपस्थिति दर्ज की। मनपा की तरफ से दावा किया गया है कि इस कार्यशाला में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मुंबई खसरा प्रकोप नियंत्रण मॉडल की सराहना करते हुए कहा है कि पूरे हिंदुस्थान में इस मॉडल को लागू करने की जरूरत है।