रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
दिल्ली चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को फिर से 30 दिनों की पैराेल मिली है। वह रोहतक की सुनारिया जेल में हत्या और दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। विपक्ष ने पैरोल का विरोध करते हुए कहा है कि इस अपराधी को भाजपा वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती है। राम रहीम के लाखों अनुयाई हैं, जिनसे वो चुनावों में भाजपा को वोट देने की अपील करता है।
बता दें कि राम रहीम बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। वह डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख है। हरियाणा चुनाव में भी उसे पैरोल पर छोड़ा गया था। गुरमीत राम रहीम की पैरोल का पंजाब में विरोध हो रहा है। अकाल तख्त साहिब के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह ने राम रहीम की पैरोल का विरोध किया। उन्होंने कहा है कि सरकार बार-बार पैरोल इसलिए देती है, ताकि उनका चुनाव में प्रयोग किया जाए। राम रहीम को 12वीं बार पैरोल दी गई है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि ये सब राजनीतिक हस्तक्षेप से हो रहा है।