खाली ५१६ पदों को भरने में नहीं है दिलचस्पी
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र की उप राजधानी नागपुर और ठाणे समेत महाराष्ट्र में कुल चार मेंटल अस्पतालों में हजारों मरीजों का इलाज हो रहा है, फिर भी ये अस्पताल भारी संख्या में मानव बल की कमी से जूझ रहे हैं। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इन अस्पतालों में कुल ५१६ यानी २२.९० फीसदी पद खाली हैं। इसके बावजूद महायुति सरकार इन पदों को भरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। ऐसे में न केवल इस सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि मानव बल की कमी के कारण मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है।
आरटीआई एक्टिविस्ट चेतन कोठरी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि चारों मेंटल अस्पतालों में कुल २,२४८ पद मंजूर हैं। इसमें से १,७३३ पद भरे गए हैं, जबकि अभी भी ५१६ यानी २२.९० फीसदी पद रिक्त हैं। इन पदों को भरने में यह सरकार दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। दूसरी तरफ पदों के खाली होने से मौजूदा स्टाफ के लिए मानसिक रोगियों का देखभाल करना काफी मुश्किल हो रहा है। कई चिकित्सकों और कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ लादा जा रहा है। जिस कारण मानसिक रोगियों का ख्याल रखनेवाले ही अब मानसिक तनाव में पहुंच गए हैं।
पुणे में सबसे ज्यादा पद आरटीआई में दी गई जानकारी में बताया गया है कि सबसे ज्यादा पद पुणे मेंटल अस्पताल में खाली पड़े हैं, यहां कुल ९५४ पद मंजूर किए गए हैं। इसमें से ७६३ पद भरे गए हैं, जबकि १९१ पद अभी भी खाली पड़े हुए हैं। इसके बाद ठाणे में स्थित मेंटल अस्पताल में भी २० फीसदी यानी १४२ पद खाली पड़े हुए हैं। यहां मंजूर ७२३ में से ५८१ पद भरे गए हैं। इसी तरह नागपुर मेंटल अस्पताल में ३७५ में से २६० पद भरे गए हैं, जबकि ११५ पद अभी तक रिक्त पड़े हैं। रत्नागिरी में १९६ पदों में से १२९ भरे गए हैं और ६८ पद खाली हैं। चारों मेंटल अस्पतालों में ग्रुप डी के लिए मंजूर १,५३७ में से सर्वाधिक २६.१५ फीसदी यानी ४०२ पद रिक्त हैं। इस ग्रुप में १,१३६ पद भरे हैं। इसमें सर्वाधिक १३७ पद पुणे, १०७ पद ठाणे, ९० पद नागपुर और ६८ पद रत्नागिरी में रिक्त हैं।