• सीटी स्कैन मशीन बंद • मनपा अस्पतालों की बढ़ी परेशानी
सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा अस्पतालों में मरीज बड़ी उम्मीrद के साथ इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन गरीबों के अस्पताल में भी यदि मरीजों की जेबें कटने लगे तो वे आखिरकार जाएं तो कहां जाएं? आरोप है कि मनपा के कई अस्पतालों में सीटी मशीन बंद होने से खुलेआम रैकेट चल रहा है। इसकी आड़ में डॉक्टर मरीजों को निजी डॉग्नोस्टिक सेंटर में सीटी स्कैन कराने के लिए भेजते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके चलते अस्पताल प्रशासन की भी परेशानी बढ़ गई है। हालांकि, ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की बजाय अस्पताल प्रशासन शांत बैठा हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार, १६ जून को श्वेतासिंह सालवे नामक महिला यात्री बस में चढ़ते समय अचानक गिर गई थीं। उन्हें तुरंत नायर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क का सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। हालांकि, अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन बंद होने के कारण डॉक्टरों ने उसे एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर से सीटी स्कैन कराने के लिए भेज दिया। वहीं मरीज ने भी सरकारी अस्पताल की हालत देखकर निजी अस्पताल की राह पकड़ ली। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि जब मनपा के बड़े अस्पताल नायर में सीटी स्कैन नहीं होगा तो आखिरकार गरीब मरीज का इलाज कहां कराएंगे। वहीं इस बीच जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल का दौरा किया तो देखा कि वहां कोई सीटी स्कैन मशीन नहीं थी और विभाग का नवीनीकरण चल रहा था। यहां आए मरीजों को दादर के निजी और अस्पताल प्रशासन के संबंधित डायग्नोस्टिक सेंटर में भेजा जा रहा है। परेल के केईएम अस्पताल में दो सीटी स्कैन मशीनें हैं। इसमें से एक मशीन साल भर से खराब हैं, जबकि दूसरी तकनीकी खराबी के कारण काम नहीं कर रही है। प्रशासन का कहना है कि मरीजों की भीड़ के कारण ऐसा हो रहा है। यहां प्रतिदिन १०० से अधिक मरीज सीटी स्कैन के लिए आते हैं। इसलिए कई बार इसकी मरम्मत करानी पड़ती है।
पैसा कमाने में रुचि
सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल प्रशासन और सीटी स्वैâन विभाग को मरीजों की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है। इन्हें पैसा कमाने में अधिक रुचि होती है। वे आनेवाले मरीजों को सीधे निजी डायग्नोस्टिक सेंटर भेज देते हैं। इस अस्पताल में सभी कामों के लिए लॉबी तैयार की गई है। अस्पताल में खून जांच, एमआरआई और सीटी स्कैन कम कीमत पर उपलब्ध हैं, फिर भी मरीजों को बाहर भेजा जाता है।
वसूलते हैं दोगुना कीमत
मुंबई मनपा ने निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों को सीटी स्कैन के लिए सरकारी अस्पतालों के समान दरें वसूलने का आदेश दिया है। एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉक्टर मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों पर रेफर कर देते हैं, क्योंकि उनका कमीशन फिक्स है।
कागजों पर नई सीटी और एमआरआई मशीनें
नई एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनों के लिए १२० करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इन अस्पतालों में इन सेवाओं का अभाव है। स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि कई शिकायतों के बावजूद अस्पताल प्रशासन अनदेखी कर रहा है।