सामना संवाददाता / नई दिल्ली
जीएसटी के रिकॉर्ड कलेक्शन के बावजूद मोदी सरकार का खजाना खाली ही है। अब उसे भरने के लिए मोदी सरकार रेलवे की ‘नीलामी’ शुरू करने जा रहा है। इसके तहत रेलवे की प्रॉपर्टी बेचकर १७ हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, रेल मंत्रालय की नजर इस वित्त वर्ष में मुद्रीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर है। इसके लिए रेलवे की प्रॉपर्टी का विनिवेश करना है। मुद्रीकरण का मतलब किसी प्रॉपर्टी की बिक्री या उसको किराए-लीज पर देकर कमाई करना है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय निजी क्षेत्र को भारतीय रेलवे के कब्जे वाले भूखंडों, स्टेशन की जमीन का वाणिज्यिक इस्तेमाल करने और रेलवे कॉलोनियों को पट्टे पर देकर राजस्व हासिल करेगा। मंत्रालय थिंक टैंक नीति आयोग को सालाना लक्ष्य सुपुर्द करेगा और यह मुद्रीकरण की प्रक्रिया का प्रमुख हिस्सा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस महीने के आखिर में संपत्ति मुद्रीकरण के लक्ष्य की पुन: समीक्षा होगी। रेलवे सरकार के मुद्रीकरण की योजना के तहत लक्ष्य को हासिल करने में सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से एक है।