मुख्यपृष्ठनए समाचाररेल मंत्री ने स्पष्ट किया : पांच सालों तक और करना होगा...

रेल मंत्री ने स्पष्ट किया : पांच सालों तक और करना होगा २५० ट्रेनों का इंतजार!

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
मुंबइकरों को लोकल सेवाओं में बढ़ोतरी के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। रेलवे मंत्री ने स्पष्ट किया है कि बहुप्रतीक्षित लोकल ट्रेन सेवा के विस्तार में कम से कम पांच साल का समय लगेगा। बता दें कि मुंबई में रोजाना ३,२०४ लोकल ट्रेन सेवाओं में करीबन ७० लाख लोग यात्रा करते हैं। शहर के पहले से ही अत्यधिक भीड़भाड़ वाले ट्रेन नेटवर्क को २०२९ तक कोई राहत नहीं मिलेगी।
हाल ही में एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में रेले मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में २५० नई ट्रेन सेवाओं को शुरू करने की योजना बना रही है। सीबीटीसी के लिए करना होगा इंतजार इस देरी का एक महत्वपूर्ण कारण कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम की स्वीकृति प्रक्रिया है, जो अभी भी मंजूरी के चक्कर में फंसी हुई है। बता दें कि सीबीटीसी लागू होने से लगभग दो ट्रेन के बीच ३० सेकंड का समय बचेगा। इस सिस्टम में ट्रेनों के बीच दोतरफा डिजिटल रेडियो कम्युनिकेशन होता है और सभी ट्रेनों का नेटवर्क एकदूसरे से जुड़ा होता है। ट्रेन के अंदर लगे सिग्नलिंग डिवाइस ट्रैक पर लगे सिग्नलिंग डिवाइस सेंट्रल सर्वर, सेंटर से वायरलेस कम्युनिकेशन के जरिए रियल टाइम कम्युनिकेशन करते हैं। इसी सिस्टम से सभी ट्रेनों के डिजिटल कम्युनिकेशन के जरिए सिग्नल मिलता है और अपने निर्धारित रूट और वक्त पर ऑटोमैटिक कमांड के जरिए दौड़ती, रुकती और फिर रफ्तार पकड़ती रहती हैं। मौजूदा सिग्नलिंग सिस्टम में जब ट्रेन एक सिग्नल से दूसरे सिग्नल की ओर बढ़ती है, उस समय तक दोनों सिग्नल के बीच का सेक्शन उसी ट्रेन के लिए ब्लॉक हो जाता है। पीछे आने वाली ट्रेन को रेड सिग्नल दिखाई देता है। पहली ट्रेन जब सिग्नल क्रॉस कर लेती है, तब दूसरी ट्रेन के लिए सिग्नल यलो हो जाता है। इस प्रक्रिया में पीछे आने वाली ट्रेन की रफ्तार सीमित हो जाती है।

यात्रियों ने जताई नाराजगी
यात्री अपनी निराशा और असंतोष को व्यक्त कर रहे हैं। बोरिवली की एक दैनिक यात्री मीना शर्मा ने कहा कि ‘ट्रेनों में पहले से ही क्षमता से अधिक भीड़ है और पांच साल तक यह सब बर्दाश्त करना असंभव है।’
कहां कितना होगा खर्च
सीबीटीसी योजना की लागत सीएसएमटी पनवेल कॉरिडोर के लिए १,३९१ करोड़, सीएसएमटी कल्याण कॉरिडोर के लिए २,१६६ करोड़ और चर्चगेट विरार कॉरिडोर के लिए २,३७१ करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है। मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (एमयू टीपी ३ए) के तहत पश्चिम और मध्य रेलवे में सीबीटीसी सिस्टम लगाने की बात हुई थी।

अन्य समाचार