मुख्यपृष्ठनए समाचारमौत की रेलवे!...नहीं थम रहा दुर्घटनाओं का सिलसिला...भीड़ में युवक का संतुलन...

मौत की रेलवे!…नहीं थम रहा दुर्घटनाओं का सिलसिला…भीड़ में युवक का संतुलन बिगड़ा, जान गई

सामना संवाददाता / ठाणे

मध्य रेलवे अब मौत की रेलवे साबित हो रही हैं। एक के बाद एक दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी कुछ दिनों पहले ही एक युवक ने दुर्घटना में जहां अपने दोनों पैर गवां दिए थे। वहीं गत गुरुवार के दिन डोंबिवली के एक नागरिक ने ट्रेन से गिरकर अपनी जान गवां दी थी। वहीं एक युवक के दोस्त ने अपने मित्र को बचाने के लिए हाथ दिया, लेकिन संतुलन बिगड़ने के कारण दोस्त गिर गया और उसकी मौत हो गई यानी दोस्त अपने दोस्त को नहीं बचा सका।
बता दें कि दो मित्र सुबह ९:२५ बजे डोंबिवली से तेज लोकल में चढ़े और मुंबई में एक निजी कंपनी में काम करने के लिए निकले थे। इस दौरान लोकल में काफी भीड़ होने के कारण बबन शिलकर किसी तरह लोकल के डिब्बे में घुस गया और केयुर सावला बबन के पीछे लोकल के दरवाजे में फंस गया। भीड़ के कारण केयुर सावला लोकल में प्रवेश नहीं कर सका और ट्रेन जैसे ही दिवा पहुंची वैसे ही सावला धड़ाम से निचे गिर गया, जबकि उसके दोस्त ने उसे संभालने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुआ और यात्री की मौत हो गई। युवक का नाम केयुर सावला (उम्र ३७) है और वह डोंबिवली का रहने वाला था।
समय पर नहीं उपलब्ध हो पाई एंबुलेंस
केयुर सावला के गिरने के बाद बबन शिलकर ने दिवा रेलवे स्टेशन पर रेलवे अधिकारियों को हादसे की जानकारी दी। केयुर को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाई गई, लेकिन समय पर कोई एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई। उसके बाद उसे एक तिपहिया टेंपो में बेहोशी की हालत में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, परंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने केयुर को मृत घोषित कर दिया।
यात्री संगठन ने जताई नाराजगी
इस बीच यहां के रेलवे यात्री संगठनों ने इस घटना की घोर निंदा की है। रेल यात्री संगठन का आरोप है कि यात्रियों को समय पर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। यात्रियों का कहना है कि बिछाई गई ५ वीं और ६ वीं लाइन से भी यात्रियों को कोई फायदा नहीं मिला है और आज भी उन्हें भीड़ में यात्रा करनी पड़ रही है। साथ ही यात्री संगठनों की तरफ से डोंबिवली स्टेशन के साथ ही, कर्जत-ठाणे, कसारा-ठाणे, कल्याण-ठाणे और ठाणे से वापसी के लिए अधिक लोकल ट्रेनों को चलाने की मांग अब जोर पकड़ रही है।

अन्य समाचार