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रेलवे का ‘पिंक बुक’ विलंब से जारी करने के पीछे रेलवे चाहती है कुछ छिपाना! …२३ जुलाई को हुआ था बजट

सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय रेलवे का वार्षिक ‘पिंक बुक’ जो आमतौर पर बजट के एक हफ्ते के भीतर जारी कर दिया जाता है, इस बार २३ जुलाई को बजट पेश किए जाने के बावजूद अब तक बुक जारी नहीं हुई है। इस देरी ने मुंबई के निवासियों और विशेषज्ञों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मुंबईकरों का मानना है कि इस देरी के पीछे रेलवे की ओर से कुछ छिपाने का प्रयास हो सकता है।
गौरतलब है कि रेलवे के पिंक बुक में देशभर के विभिन्न रेलवे परियोजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का विवरण दिया जाता है। इसमें प्रत्येक जोन और परियोजना के लिए अलग-अलग फंडिंग का जिक्र होता है, जो कि बजट पेश होने के कुछ दिनों के भीतर ही जारी कर दिया जाता है। लेकिन इस साल इस प्रक्रिया में देरी ने कई अटकलों को जन्म दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मुंबई को इस बार बजट में अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित की गई है, जिससे मुंबईकरों में असंतोष व्याप्त है। मुंबई जैसे बड़े और महत्वपूर्ण शहर को कम फंडिंग मिलने पर यहां के लोगों ने कड़ी आलोचना की थी। ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं रेलवे इस देरी के माध्यम से बजट में की गई कमी को छिपाने का प्रयास तो नहीं कर रहा है? मुंबई की कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं, जैसे कि नई लोकल ट्रेन सेवाओं का विस्तार, स्टेशन आधुनिकीकरण और नई लाइनों का निर्माण इस बजट में शामिल हैं। लेकिन पिंक बुक की अनुपलब्धता ने इन परियोजनाओं की स्थिति पर सवालिया निशान लगा दिया है।

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