• पाकिस्तान और लश्कर-ए-तोएबा से रिश्ते
सामना संवाददाता / प्रयागराज
माफिया सरगना अतीक अहमद की मौत के साथ ही उसके अनगिनत ‘राज’ भी उसी के साथ दफन हो गए। ये वो राज थे जो न सिर्फ अतीक अहमद के फैले अंतरराष्ट्रीय साम्राज्य के काले कच्चे चिट्ठे खोलते, बल्कि कई बड़े सफेदपोशों की भी असलियत सामने ला सकते थे। लेकिन अतीक अहमद की मौत के साथ उन सब काले कारनामों का भी चैप्टर क्लोज हो गया, जिसमें पाकिस्तान आईएसआई और लश्कर-ए-तोएबा से रिश्तों की बात सामने आ रही थी। उत्तर प्रदेश के माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद के बारे में कुछ समय पहले तक सिर्फ यही जानकारी सामने आ रही थी कि वह स्थानीय स्तर का बड़ा माफिया है। जिसकी जड़ें नेतागिरी की शह के चलते उत्तर प्रदेश में फल-फूल रही थीं। लेकिन पुलिस ने अतीक अहमद की रिमांड के लिए जो अर्जी दाखिल की, उससे अतीक अहमद के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा हो रहा था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रहे एपी सिंह का कहना है कि अतीक अहमद की मौत के साथ सबसे बड़ा राज अनसुलझा ही रह गया कि अतीक अहमद के पाकिस्तान और लश्कर-ए-तोएबा जैसे आतंकी संगठनों से किस तरह के रिश्ते थे। वे कहते हैं कि जिस तरह अतीक अहमद और उसके गैंग के पास विदेशी हथियारों का जखीरा था, उससे इसमें कोई शक नहीं नजर आता कि उसके पास अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की कोई कमी होगी।
राज खुलने के डर से घटना को दिया अंजाम
अतीक और अशरफ के पास बड़ी संख्या में उद्योगपतियों, नेताओं, अफसरों के राज थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतीक सरकारी गवाह बनने के लिए भी तैयार था। अगर ऐसा होता तो कई नेताओं, उद्योगपतियों और अफसरों की पोल खुल सकती थी। ऐसे में संभव है कि राज खुलने के डर से किसी ने अतीक और उसके भाई की हत्या करवा दी हो। ऐसा करके वह पूरा मामला ही खत्म करवाना चाह रहा हो।
जिधर किया इशारा, उधर से चली गोली
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद एक वीडियो सामने आया है। ये वीडियो दोनों की हत्या से चंद सेकेंड पहले का है। जिसमें वह अस्पताल गाड़ी से पहुंचता है। गाड़ी से उतरते समय अतीक किसी को इशारा करता है। ऐसा लग रहा है कि वह किसी को खुद के पास बुला रहा है। गाड़ी पर ही खड़े होकर करीब दो से तीन सेकेंड तक वह दूसरी तरफ देखता है। इसके बाद गर्दन हिलाता है। ऐसा लग रहा है कि वह किसी को अपनी तरफ आने के लिए बोल रहा है। इसके कुछ सेकेंड बाद ही दोनों की हत्या हो जाती है।
अतीक-अशरफ को किसने मरवाया?
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर सियासी उबाल जारी है। अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रहीं हैं। कोई हत्या को सही ठहरा रहा है तो कोई कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर दोनों को किसने मरवाया? इस पूरे कांड के पीछे किसका हाथ है? अचानक उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत क्यों पड़ी?
अतीक अहमद के गैंग की टूट रही थी कमर
अतीक मामले की जांच कर रही एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिस तरीके से अतीक की अकूत संपत्ति की बात सामने आई है, उसके स्रोत भी पता किए जाने बेहद जरूरी हैं। सूत्रों के मुताबिक, अतीक अहमद की संपत्ति सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में भी बड़ी मात्रा में है। शक तो यह भी जताया जा रहा है कि अतीक अहमद का अंतरराष्ट्रीय डॉन दाऊद इब्राहिम से भी मजबूत नेटवर्क रहा है। अबू सलेम को लेकर उसके रिश्ते पहले से ही सुर्खियां बटोरते रहे हैं। अतीक अहमद की हत्या उस दौर में हुई है, जब वह बहुत बड़े खुलासे कर सकता था। इसलिए शक यह भी जताया जा रहा है कि उसकी हत्या के लिए सुपारी दी गई हो।
हथियारों को छुपाने के ठिकाने का नहीं चल पाया पता
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बहुत हद तक तो अतीक अहमद ने अपने नेटवर्क के बारे में पूछताछ के दौरान खुलासे किए थे। लेकिन अभी बहुत कुछ ऐसा बाकी था जो उसे बोलना था। सबसे महत्वपूर्ण बात यही थी कि अतीक अहमद ने ड्रोन के माध्यम से पंजाब में पाकिस्तान के हथियारों की सप्लाई की बात कही थी। ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान की ओर से हथियार गिराए जाने की कई घटनाएं पहले भी सामने आई है। पंजाब के कुछ गैंगस्टर और माफियाओं की संलिप्तता की बात सामने आई थी। संभव है कि पंजाब के गैंगस्टर और अतीक अहमद के बीच आपसी गठजोड़ भी रही होगी। हालांकि निश्चित तौर पर पुलिस ने अपनी पूछताछ में बहुत कुछ हासिल किया। लेकिन हथियारों को छुपाने का जखीरा और उसका ठिकाना पंजाब से लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में कहां पर था, यह राज अतीक अहमद के साथ ही दफन हो गया।