राजेश विक्रांत
मुंबई
हिंदी के मशहूर साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की एक लोकप्रिय कहानी है- दो बैलों की कथा। इस कहानी में दो बैलों हीरा और मोती का अपनापन लेखक ने कायदे से चित्रित किया है। लेकिन आज के हिंदुस्थान के दो बैल जस्ता और खस्ता ने तो बेकायदे की, पक्षपात की, भड़ास, तोड़-फोड़ और कुंठा की एक नई इबारत ही लिख डाली है। इनके लिए नियम, अधिनियम, कानून, इंसाफ, निष्पक्षता, पारदर्शिता और लोकतंत्र का कोई महत्व नहीं है।
इन दोनों का अपना एजेंडा है जिसमें महान, विकसित, आत्मनिर्भर देश की गरिमा के लिए कोई जगह नहीं है। ये १२,००० करोड़ भूलकर १०० करोड़ का पीछा करते हैं। ये अपना जंबो घोटाला नहीं देखते, चिंदी मामलों में समय गंवाते हैं।
जस्ता और खस्ता में भी हीरा-मोती की तरह असीमित प्रेम है, पर इस प्रेम का उपयोग घोटालों को छुपाने में तथा शरीफों को लतियाने में किया जाता है। खस्ता जब मुंह खोलते हैं तो विवाद ही उगलते हैं।
खस्ता खुद जो भी उल्टा-सुल्टा करते हैं वो पुण्य की श्रेणी में आता है। उसे जस्ता-खस्ता भक्त तुरंत ही सत्कर्म की संज्ञा दे देते हैं।
खस्ता के पास एक महामारक हथियार है। एक संस्था बीडी यानी भक्त डिफेंस। खस्ता इसका उपयोग मरखने कुत्ते की तरह करते हैं। जो भी विरोधी दिखा खस्ता उस पर बीडी छोड़ देते हैं। बीडी मालिक की आज्ञा का पालन करते हुए विरोधियों का तिया पांचा कर देती है। विरोधी पस्त हो जाता है।
बीडी का जैसा नाम है भक्त डिफेंस, वैसा ही गुण। वो भक्तों को डिफेंस करती है इसलिए १२,००० करोड़ से ज्यादा का जो इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाला सुर्खियों में आया है, उस पर बीडी चुप्पी लगाए बैठी है। बीडी को पता है कि खस्ता के शासन में घर का भेदी लंका ढाए नहीं होगा। संभव ही नहीं है क्योंकि बीडी की सारी नकेल खस्ता के हाथ में है इसलिए बीडी की औकात मालिक से गद्दारी करने की नहीं है। बीडी नामक हथियार से सुसज्जित खस्ता जिसको जो चाहे बोल सकते हैं। चाहे वे सभा में बोलें या संसद में। खस्ता संसद में सुपारी जैसी पार्टी बोलने की जो हिम्मत रखते हैं उस हिम्मत का मूल कारण उनके कब्जे में बीडी का होना है।
खस्ता बीडी से १२,००० करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले की जांच करने को नहीं कह सकते तो वे चिंदी चोरी पर उतर आए हैं। उनकी बीडी ने आम आदमी पार्टी पर कथित रूप से १०० करोड़ के शराब पॉलिसी घोटाले का आरोप लगाया है। सब खस्ता के इशारे पर ही किया जा रहा है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कथित शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद इस मामले में सरकारी गवाह बने हैदराबाद के व्यवसायी पी. सरथ चंद्र रेड्डी की असलियत सभी को पता है। रेड्डी को बीडी ने दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। बीडी के मुताबिक, रेड्डी उस ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा थे, जिसने कथित तौर पर आम आदमी पार्टी को १०० करोड़ दिए जिसका इस्तेमाल पार्टी ने गोवा चुनावों में किया, जबकि असलियत यह है कि रेड्डी से जुड़ी तीन कंपनियों ने खस्ता पार्टी को लगभग ६० करोड़ रुपए का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए दिया है।
दरअसल, हुआ यह कि केजरीवाल के खिलाफ जिस तरह से बीडी ने कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया, उसके बाद केजरीवाल को न सिर्फ देश, बल्कि जर्मनी और अमेरिका जैसे देशों से भी भरपूर समर्थन मिल रहा है। इससे खस्ता एंड कंपनी की बड़ी बदनामी हो रही है तो बीडी को कुछ कहानियां तो गढ़नी ही थी। अगर बीडी रोज-रोज नई कहानियां नहीं बनाएगी तो खस्ता उसे बेघर कर सकते हैं इसलिए बीडी के जरिए एक और कहानी गढ़ी गई है कि केजरीवाल को खालिस्तानी आतंकवादी ने १३४ करोड़ रुपए दिए हैं। बीडी झूठे केस बनाने, अफवाहें पैâलाने तथा पक्षपाती जांच करने में अग्रणी संस्था है।
खस्ता जी, आप राघव चड्ढा के शब्दों को याद कीजिए- ये वो सुपारी जितनी छोटी पार्टी है जो आजाद हिंदुस्थान का फास्टेस्ट ग्रोविंग पॉलिटिकल स्टार्टअप कहलाती है। ये वो सुपारी जैसी पार्टी है जिसने तीन बार भाजपा को दिल्ली में हराया और दो बार आजाद हिंदुस्थान के इतिहास में सबसे बड़े जनादेश की सरकार बनाई। ये वो सुपारी जितनी पार्टी है, जिसने पंजाब में भाजपा को लगभग शून्य पर लाकर खड़ा कर दिया। दस साल में राष्ट्रीय पार्टी बनी और ये वो सुपारी जितनी पार्टी है, जिसके १६१ विधायक और ११ सांसद हैं। ये वो सुपारी जितनी पार्टी है, जिसका काम देखने के लिए फर्स्ट लेडी ऑफ अमेरिका दिल्ली आती हैं।
कहते हैं कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, वह एक दिन खुद गड्ढे में गिर जाता है। दिल्ली को पानी, सेहत, परिवहन, रोजगार, साफ-सफाई व सब्सिडी के मामले में देश का अग्रणी राज्य बनानेवाले मुख्यमंत्री के साथ आपने जो किया है और जो कर रहे हैं उसे पब्लिक अच्छी तरह से जानती है। तोड़-फोड़ से दूरी बनाइए।
(लेखक तीन दशक से पत्रिकारिता में सक्रिय हैं और ११ पुस्तकों का लेखन-संपादन कर चुके वरिष्ठ व्यंग्यकार हैं।)