रमेश सर्राफ धमोरा झुंझुनू
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिपुर की घटना को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि मणिपुर में जिस तरह महिलाओं का अपमान हुआ उससे देश की विश्व में बेइज्जती हुई है। इतने दिन हो गए प्रधानमंत्री मोदी ने एक शब्द नहीं बोला। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया फिर बोले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि मणिपुर, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था पर ध्यान रखें। बताइए कहां मणिपुर और कहां राजस्थान। मोदी ने राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट की है। मोदी कहते हैं कि १४० करोड़ जनता को शर्मसार होना पड़ रहा है। १४० करोड़ जनता शर्मिंदा नहीं है वह तो दुखी है आपकी सरकार के कारनामों से, आपकी लापरवाही से। एक बार गृहमंत्री मणिपुर जाकर आ गए और इतिश्री कर ली। गहलोत ने कहा कि हमारी योजनाओं और पैâसलों से घबराकर बीजेपी के लोगों ने तय किया कि सरकार को किसी भी तरह से बदनाम किया जाए।
अखिर नप गए गुढ़ा
राजस्थान सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्रिमंडल से तो बर्खास्त किया ही गया साथ ही कांग्रेस पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है। पिछले काफी समय से गुढ़ा सरकार विरोधी बयान देकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे थे। कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्रबल शूटर रहे गुढ़ा पिछले दिनों सचिन पायलट खेमे में शामिल हो गए थे। पिछली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ १०० विधानसभा सीटें ही मिली थीं। तब बसपा के टिकट पर चुनाव जीतनेवाले गुढ़ा ने अपने पांच साथियों के साथ कांग्रेस में शामिल होकर सरकार को मजबूत किया था। बदले में उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। हालांकि, गुढ़ा राज्य मंत्री पद से खुश नहीं थे, उनकी इच्छा वैâबिनेट मंत्री बनने की थी। इससे पूर्व २००८ में भी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर गुढ़ा ने अपने पांच अन्य साथियों के साथ बसपा से कांग्रेस में शामिल होकर गहलोत सरकार बनवाई थी। उस समय भी उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था।
मंत्रिमंडल में होगा फेरबदल
राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल होने की चर्चा होने लगी है। राजेंद्र गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के बाद मंत्रिमंडल में एक स्थान रिक्त हो गया है। ऐसे में चर्चा चल रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल में फेरबदल कर कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को संगठन में भेजा जाएगा और कुछ नए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। चर्चा है कि राजस्थान में दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए जा सकते हैं। राजस्थान में कांग्रेस संगठन गठन का कार्य पूर्ण हो चुका है। पिछले दिनों सचिन पायलट के साथ दिल्ली में हुई सुलह वार्ता के फार्मूले पर पार्टी मंत्रिमंडल में भी फेरबदल कर पायलट समर्थक एक नेता को उपमुख्यमंत्री व कुछ विधायकों को मंत्री बना सकती है। हाल ही में करीब एक दर्जन से अधिक विभिन्न जाति व समुदायों के विकास के लिए बोर्डों का गठन किया गया है, जिनमें अभी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों का मनोनयन किया जाना बाकी है। चर्चा है कि सभी बकाया काम शीघ्र ही निपटाए जाएंगे।
बुढ़ापे में विधायक की पढ़ाई
राजस्थान के उदयपुर ग्रामीण से विधायक फूलसिंह मीणा ने ६५ साल की उम्र में राजनीति विज्ञान, लोक प्रशासन और समाजशास्त्र से बीए की परीक्षा पास कर ली है। विधायक मीणा मात्र सातवीं तक ही पढ़े थे। उनकी पांच बेटियों ने पढ़ने पर जोर दिया तो उन्होंने वर्धमान महावीर विश्वविद्यालय कोटा से पढ़ाई शुरू की। विधायक ने कहा कि आज वे अपनी बेटियों की बदौलत बीए पास हो गए हैं। मैं युवाओं को कहना चाहता हूं कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है। लक्ष्य आपका तय होना चाहिए, आपका इरादा मजबूत होना चाहिए सफलता जरूर मिलेगी। विधायक मीणा ने ४० साल के अंतराल के बाद फिर से शिक्षा की डोर थामी थी। उन्होंने २०१५ में दसवीं की परीक्षा पास की। स्टेट ओपन से २०१७ में १२वीं पास हुए। विधायक कहते हैं कि पीएचडी डिग्री लेने के लिए अभी पढ़ाई का सफर जारी रहेगा। मीणा २०१३ व २०१८ में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक हैं)