रमेश सर्राफ धमोरा झुंझुनू
वसुंधरा को मिली तवज्जो
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अभी तक पार्टी में हाशिए पर थीं। सतीश पूनिया ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रहते वसुंधरा राजे को पूरी तरह साइड लाइन कर दिया था। मगर कर्नाटक में करारी हार के बाद भाजपा अपने पुराने नेताओं को फिर से साधने में जुट गई है। इसी कड़ी में हाल ही में अमित शाह की उदयपुर में संपन्न हुई जनसभा के दौरान मंच पर बैठी वसुंधरा राजे को बोलने का मौका नहीं दिया गया था। मंच पर प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के बोलने के बाद सीधे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बोलने के लिए आमंत्रित कर दिया गया था। मगर अमित शाह ने सभा का संचालन कर रहे नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को इशारों में उनसे पहले वसुंधरा राजे को बुलवाने के लिए कहा। इस घटना से स्वयं वसुंधरा राजे भी चकित रह गई थीं। इस घटना के बाद प्रदेश की राजनीति में वसुंधरा राजे के फिर से पावर में आने की चर्चा होने लगी है।
हरीश चौधरी की सक्रियता
राजस्थान कांग्रेस के बड़े नेता हरीश चौधरी इन दिनों काफी सक्रिय हो रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में पार्टी नेता राहुल गांधी से लंबी मुलाकात कर उनको राजस्थान की स्थिति के बारे में विस्तार से समझाया था। बताया जाता है कि राहुल गांधी ने हरीश चौधरी को राजस्थान कांग्रेस में चल रही आपसी खेमेबाजी को समाप्त करवाकर सभी बड़े नेताओं को एक साथ लाने का काम सौंपा है। हरीश चौधरी राहुल गांधी के विश्वस्त नेताओं में माने जाते हैं। इसी के चलते उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रभारी भी बनाया गया था। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी बनने से पूर्व हरीश चौधरी राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री व बाड़मेर से सांसद भी रह चुके हैं। गहलोत खेमे में रहे हरीश चौधरी इन दिनों किसी भी गुट में शामिल नहीं हैं। पिछले दिनों उन्होंने सचिन पायलट के साथ भी कई जगह मंच साझा किया था। चर्चा है कि विधानसभा चुनावों से पूर्व उन्हें राजस्थान में बड़ी जिम्मेदारी मिलनेवाली है।
इंतजार में पायलट
राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मध्य कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली में सुलह तो करवा दी थी। मगर सुलह का फार्मूला अभी तक सामने नहीं आ पाया है। इसको लेकर सचिन पायलट उधेड़बुन में नजर आ रहे हैं। पायलट समर्थकों द्वारा लोगों को जवाब देने से कन्नी काटी जा रही है। ३ जुलाई को कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली में पायलट व गहलोत को लेकर एक बड़ी मीटिंग आयोजित की थी। मगर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अचानक कर्नाटक चले जाने के कारण मीटिंग को स्थगित कर दिया गया था। इस कारण पायलट को लेकर कोई पैâसला नहीं हो पाया। चर्चा है कि राहुल गांधी शीघ्र ही सचिन पायलट को सम्मानजनक पद देना चाहते हैं, ताकि अगले विधानसभा चुनाव में गहलोत व पायलट मिलकर काम करें। राहुल गांधी ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को अगले एक सप्ताह में पायलट को लेकर किए गए सभी पैâसलों के क्रियान्वयन कराने के निर्देश देने की चर्चा हो रही है।
मैदान में ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी राजस्थान के चुनावी रण में उतर चुके हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी पचास मुस्लिम बहुल सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। हाल ही में ओवैसी ने जयपुर के रामलीला मैदान में एक मीटिंग कर कांग्रेस की गहलोत सरकार व केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा। ओवैसी का कहना है कि मुस्लिम समाज की माली हालत के लिए कांग्रेस व भाजपा समान रूप से दोषी हैं। कांग्रेस ने मुस्लिमों का वोट बैंक के रूप में उपयोग किया है। ओवैसी का कहना है कि हम राजस्थान में एक नया विकल्प देंगे। हमारी पार्टी से जीतने वाले विधायक राजस्थान की तरक्की के लिए काम करेंगे। ओवैसी की पार्टी ने राजस्थान के जिलों में संगठन का गठन करना भी शुरू कर दिया है। राजस्थान में ओवैसी की एंट्री से भाजपा को छोड़कर बाकी सभी विपक्षी दलों के नेता चौकन्ने हो गए हैं। ओवैसी राजस्थान में भाजपा की बी टीम के रूप में काम कर रहे हैं।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक हैं)