मुख्यपृष्ठस्तंभराज ‘तंत्र’ : मायके में भी नहीं मिला चैन!

राज ‘तंत्र’ : मायके में भी नहीं मिला चैन!

अरुण कुमार गुप्ता

अक्सर देखा जाता है कि पति-पत्नी के बीच जब भी किसी बात को लेकर झगड़ा या विवाद होता है, तो पत्नी आजमाया हुआ नुस्खा ‘मायके जाने की धमकी देती है या फिर मायके चली जाती है। कुछ इसी तरह का नुस्खा हमारे माननीय सीएम साहब ने अपनाया और फिर वापस भी आ गए, लेकिन पति-पत्नी के बीच के विवाद में जब पत्नी मायके जाती है तो पीछे-पीछे पति भी मनाकर वापस लाने के लिए जाता है और मनाकर वापस लाने में सफल भी हो जाता है, लेकिन हमारे सीएम साहब तो बिना किसी मान-मनौव्वल के ही वापस आ गए। यहां यह बताना जरूरी है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणाम आए १० दिन से ज्यादा गुजर चुके हैं, लेकिन भारी बहुमत मिलने के बावजूद महायुति महाराष्ट्र की जनता को एक अदद सीएम नहीं दे पाई है। सीएम की कुर्सी को लेकर घाती गुट के प्रणेता यानी एकनाथ शिंदे अड़े हुए हैं या फिर बदले में मलाईदार विभाग चाह रहे हैं। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शिंदे साहब कौन-सी राह पकड़ते हैं।

चमकेंगे चव्हाण!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद नतीजों की घोषणा हुए १० दिन से ज्यादा का समय बीत गया है। इस दौरान भारी बहुमत हासिल करने वाली महायुति मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं कर पाई है। देवेंद्र फडणवीस जहां सीएम का सपना लिए फिर रहे हैं, वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता रवींद्र चव्हाण का अचानक दिल्ली पहुंचना नई चर्चाओं को जन्म दिया है। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा के बीच यह, एकनाथ शिंदे के रूठने और देवेंद्र फडणवीस के ठोस दावे को दिरकिनार कर रवींद्र चव्हाण को आगे कर महायुति में लगी आग को शांत करने की कोशिश बताई जा रही है। जैसे-जैसे शपथ ग्रहण की तारीख नजदीक आ रही है, मुख्यमंत्री के नाम की सूची में एक और नाम जुड़ गया है, तो दिल्ली में अमित शाह और रवींद्र चव्हाण की मुलाकात की खबर किसी और की तरफ इशारा कर रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा मुख्यमंत्री को लेकर महायुति में लगी आग को वैâसे बुझाती है या फिर चव्हाण के सितारे चमकेंगे।

भागवत का जनसंख्या ज्ञान!
संघप्रमुख मोहन भागवत का एक नया जनसंख्या ज्ञान सामने आया है। इस बार उन्होंने परिवार के महत्व के साथ-साथ जनसंख्या वृद्धि पर जोर दिया है। यह जनसंख्या वृद्धि का फॉर्मूला हिंदुओं को अपनाने के लिए अपरोक्ष रूप से कहा गया है। यह भी जान लेना जरूरी है कि जनसंख्या के मामले में भारत कुुछ ही वर्षों में चीन को पछाड़कर दुनिया का नंबर वन देश बननेवाला है। यही नहीं भारत में जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हुए जनजागरण के साथ-साथ कई सरकारी योजनाएं भी कार्यान्वित हैं। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के जनसंख्या बढ़ानेवाले बयान ने नई बहस छेड़ दी है। भागवत का कहना है कि जनसंख्या दर यदि २.१ से नीचे चली गई तो समाज नष्ट हो जाएगा। भागवत के जनसंख्या वृद्धिवाले बयान ने नई बहस को जन्म दिया है। ऐसे में अब यह देखना जरूरी होगा कि समाज उनकी बातों पर अमल करता है या सरकार की।

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