-ट्रस्ट महासचिव चंपत राय के परिचित एनआरआई को लगा दो हजार रु. का चूना!
मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से एक बड़ा वर्ग जैसे-तैसे सार्टकट तरीके द्वारा अपने आराध्य के दर्शन करना चाहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के फुलप्रूफ दावेदारी की टप्पेबाज हवा निकाल दिए हैं। अयोध्या में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हो गए हैं, जो पैसे लेकर लोगों को राम मंदिर में भगवान श्रीराम का दर्शन कराने का झांसा दे रहे हैं। हैरानी वाली बात ये है कि इन लोगों ने मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के जानने वाले एक एनआरआई से दो हजार रुपए लेकर दर्शन करने की बात कही। जब बात फैली तो चंपत राय (महासचिव श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट) ने कहा कि मेरा निवेदन है कि सुगम दर्शन और वीआईपी दर्शन से अपने को बचाओ। वीआईपी दर्शन के नाम पर अयोध्या में अनेक लोगों ने कुछ गैर कानूनी काम करने शुरू कर दिए हैं। मेरे सामने एक विदेशी नागरिक, जो भगवान की कृपा से मेरा पुराना परिचित था, वो आकर खड़ा हो गया और बताया कि 2 हजार रुपए देकर दर्शन करके आया हूं।
चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में किसी भी मंदिर में कभी भी पैसा लेकर दर्शन करने की कोई परंपरा नहीं है। हनुमानगढ़ी में लाखों लोग आते हैं, पैसा लेकर दर्शन नहीं होते। राम जन्मभूमि का मंदिर अभी कुल मिलाकर 2 महीने का है, लेकिन लोगों ने तरह-तरह के रास्ते निकाल लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सामान्य नागरिक को अधिक से अधिक 1 घंटा लगता है और वो दर्शन करके बाहर आ जाता है, जो लोग सामान्य जन बनकर दर्शन करने जाते हैं, उन्हें ही भगवान के दर्शन ज्यादा अच्छे होते हैं। इसको लेकर जब स्थानीय प्रशासन का लखनऊ तक किरकिरी होने लगी तो एसएसपी राज करण नैय्यर ने जांच टीम गठित कर दिया। बता दें कि पैसे लेकर दर्शन कराने की घटनाएं जब बढीं और ट्रस्ट तक ऐसी शिकायतें पहुंचने लगीं तो अयोध्या पुलिस आला अधिकारियों के सामने निरुत्तर हो गई। अब वह ऐसे लोगों की पहचान कर रही है, जो इस खेल से जुड़े हुए हैं।