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भाजपा की सियासत में ‘राम’! फिर भी एमपी में नहीं बन पा रहा `रामवन गमन पथ’

सामना संवाददाता / भोपाल

चुनाव के साथ ही भाजपा की सियासत में श्रीराम केंद्र में आ जाते हैं। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को आठ माह ही समय और बचा है। इसके साथ ही फिर श्रीराम सियासत के केंद्र में आ गए है। भाजपा हमेशा हिंदू वोटरों को साधने के लिए धर्म का सहारा ले रही है। भाजपा श्रीराम के नारे लगवा रही है। इसके बावजूद प्रदेश में रामवन गमन पथ नहीं बन पा रहा है।
३०० करोड़ के बजट का प्रावधान
अब भाजपा सरकार ने सतना के चित्रकूट में दिव्य वनवासी राम लोक बनाने का ऐलान किया है। इसके लिए सरकार ने बजट का भी प्रावधान किया है। इसके पहले चरण के लिए मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने ३०० करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृत करने के प्रस्ताव को अनुमति मिली है। इसकी ६० प्रतिशत राशि केंद्र और ४० प्रतिशत राशि राज्य सरकार देंगी।
साढ़े ११ साल एमपी में रहे श्रीराम
भगवान राम ने अपने १४ साल के वनवास में सबसे ज्यादा समय साढ़े ११ साल का समय मध्य प्रदेश में ही गुजारा। माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ भगवान राम ने सतना जिले के चित्रकूट के जंगलों में ही समय बिताया। यहां पर ऋषि-मुनियों की राक्षसों का संहार कर रक्षा की। सिद्धा पहाड़ पर ऋषि मुनियों की हड्डियों को देखकर धरती को राक्षस विहिन करने की प्रतिज्ञा भी राम के चित्रकूट की धरती पर ली थी।
यहां से गुजरे थे श्री राम
मध्य प्रदेश में श्रीराम माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ सतना के चित्रकूट, पन्ना, कटनी के बधवारा, जबलपुर के रामघाट, मंडला के रामंदिर तालाब, रामनगर, शहडोल, डिंडौरी होते में अमरंकटक होते हुए गए थे। पुराणों में मामदगिरि पर्वत, भगवान कामतानाथ के साथ हनुमान धारा, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया आश्रम जैसे स्थानों का उल्लेख हैं।

कांग्रेस ने बजट देकर की थी शुरुआत
रामवन गमन पथ को लेकर २००६-०७ में शिवराज सरकार ने घोषणा की थी लेकिन प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद २०१८ के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने रामवन गमन पथ को अपने वचन पत्र में शामिल किया। इसके बाद चुनाव जीत कर कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई। सरकार ने कार्य योजना बनाकर २२ करोड़ रुपए का बजट भी अध्यात्म विभाग को दिया लेकिन १५ महीने बाद ही सरकार चली गई। इसके बाद शिवराज सरकार बनने के बाद दोबारा रामवन गमन पथ का काम शुरू नहीं किया गया।

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