सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कांग्रेस ने किसान संगठनों के संसद मार्च को लेकर शुक्रवार को कहा कि वह किसानों एवं उनके संगठनों की सभी मांगों का समर्थन करती है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, किसान आज संसद मार्च कर रहे हैं। खुद उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का समर्थन मिलने के बाद उनके विरोध को जबरदस्त ‘बूस्टर डोज’ मिला है। ऐसे में अब यही कहा जा रहा है कि धनखड़ ने मोदी की दुखती रग पर हाथ रख दिया है और ऐसे में धनखड़ का हाल सत्यपाल मलिक जैसा न हो जाएं, क्योंकि सत्यपाल मलिक ने भी किसानों के मुद्दे पर मुखरता से बोला था। जिसका खामियाजा आज तक भुगत रहे हैं।
रमेश के अनुसार, किसानों की यह मांग भी है कि कृषि वस्तुओं के आयात और निर्यात पर निर्णय एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा लिया जाए, जिसमें किसानों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो तथा बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाली ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ को अब किसानों के हितों और चिंताओं को पूरा करने के लिए पुनर्गठित किया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसान संगठनों की इन और अन्य सभी मांगों का पूरी तरह से समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि किसान और उनके संगठन निम्न मांगों के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार खेती की व्यापक लागत का १.५ गुना एमएसपी निर्धारित करना, जिस तरह बैंकों ने चूक करनेवाली निजी कंपनियों के १६ लाख करोड़ रुपए के ऋण माफ कर दिए, उसी तरह किसानों को एकमुश्त कर्ज से राहत देना।
रमेश के अनुसार, किसानों की यह मांग भी है कि कृषि वस्तुओं के आयात और निर्यात पर निर्णय एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा लिया जाए, जिसमें किसानों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो तथा बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाली प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अब किसानों के हितों और चिंताओं को पूरा करने के लिए पुनर्गठित किया जाए। उन्होंने कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसान संगठनों की इन और अन्य सभी मांगों का पूरी तरह से समर्थन करती है।