मुख्यपृष्ठस्तंभरौबीलो राजस्थान : लिछमी मैया री महिमा न्यारी

रौबीलो राजस्थान : लिछमी मैया री महिमा न्यारी

बुलाकी शर्मा राजस्थान

सोशल मीडिया माथै मिलियोड़ा लाइक-कमेंट सूं कविराज नै तसल्ली कोनी हुवै क्यूंकै बे जाणै कै कवि-रूप धाक तो अखबारां में नांव अर फोटू छपियां ई जम्या ‌करै। इण सारू बे स्हैर में हुवण आळै हरेक साहित्यिक कार्यक्रम में पूगै। आ सगळी खेचळ बे साहित्य में नांव कमावण सारू करै। पण‌ अफसोस वैâ अखबारां में फोटू अर स्टेटमेंट मंच माथै कब्जो करियोड़ियां रा छपै। भूल्यै-भटकै ई बां रो नांव छपै।
रीस में क्रांति धरमा कवितावां‌‌‌ ई लिखै- जागो/ जागो रै कवि भायां/ कविता नै मुगत करावो/ मंच माथै कब्जो करियोड़ा सूं/ नीचा न्हाखो आं लोकल मठाधीशां नै/ तथाकथित लेखक-कवियां नै/ आयोजकां नै/ कब्जो करो मंचां माथै/ कब्जो करियां ई/ आजाद हुवैला कविता/ पैचाण बणैली आपणी/ अखबारां में नांव अर फोटू छपैला/ अबै ना सोवो/ जागो रे कवि भायां।
इत्ती धांसू कवितावां सोशल मीडिया माथै चैपण सूं डरै क्यूंकै लोकल मठाधीशां सूं टक्कर लेवण सूं डरै।
दिवाळी रै पावन-परब माथै मां सरस्वती आपरै इण सपूत नै अ‍ेक नवो-अबोट आयडियो दियो। आयडिया मुजब अ‍ेक कवि-गोष्ठी तेवडी- ‘लिछमी मैया री महिमा न्यारी।’ इण मौकै श्रेष्ठ-कवि रूप बां नै सम्मानित अर पुरस्कार अरपण करीज्यो। ई कार्यक्रम में सगळा कवियां नै आप-आपरी लिछमी साथै जोड़ै ‌सूं बुलाया। लिछमी मैया री भगती में काव्य-पाठ हुवै जणै घर री लिछमी रो साथै रैवणो जरूरी। आपरी घर-लिछमी साथै बां मंच‌ री सौभा बधायी, पण लोकल मठाधीश जी नै ई घर लिछमी‌ साथै बिराजमान करणो कोनी भूल्या। समंदर रै रैय’र मगर सूं बैर‌‌ राखणो नासमझी।
दूजै दिन अखबारां में सांतरी खबर लागी- ‘दीपावली पर्व पर सरस्वती पुत्रों ने किया नवाचार। अपनी गृह लक्ष्मियों की उपस्थिति में किया लक्ष्मी मैया पर केंद्रित कविता पाठ।’ कविराज रो आपरी घर लिछमी साथै अखबारां में फोटू। गळी-मोहल्लै में खूब चर्चा। कार्यक्रम करावण में लाग्योड़ा बीस हजार पांच सौ इक्यावन रुपिया ऊगग्या। पांच हजार पांच सौ इक्यावन तो पुरस्कार रूप बां कनै पाछा आयग्या हा। पंदरै हजार में कवि रूप पैठ जमावण रो सौदो फायदेमंद रैयो। दिवाळी माथै बां री घर-लिछमी नवो फ्रिज लावण रो मत्तो बणा राख्यो हो। बे रुपिया कार्यक्रम में खरच हुवण रो बां नै ई कोई पिछतावो‌ कोनी हो क्यूंकै आपरै कवि-भरतार साथै बां नै पैली बार मंच री सौभा बणण रो रोमांच मिलियो हो अर अखबारां में बां रो फोटू ई छपियो हो। लिछमी मैया री किरपा सूं ई सरस्वती मैया रा सपूत पूजीज सकै।

अन्य समाचार

तेरी हंसी