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रेवड़ियों का रेला, मुंबई से ‘खेला’ …लोकसभा में हार के बाद विधानसभा का चुनावी ‘बजट’ पेश

ग्रामीण इलाकों को रिझाया, शहरों को दिखाया ठेंगा

सामना संवाददाता / मुंबई
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले गैर-भाजपाई सरकारों पर तंज कसते हुए कहा था कि रेवड़ी कल्चर को लेकर जनता को मूर्ख बनाना बंद करें, लेकिन अब महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व की सरकार ने रेवड़ियों का रेला लगा दिया है, इतना कि बजट को ही एक लाख १० हजार करोड़ के घाटे में पहुंचा दिया है। पीएम की कथनी को झुठलाते हुए राज्य की शिंदे सरकार ने दो लाख करोड़ से अधिक की रेवड़ियां बांटी हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार का पूर्ण बजट पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजीत पवार ने घोषणाओं का अंबार लगा दिया। करीब ६० घोषणाएं की गई हैं। इतना ही नहीं, इस बजट में शहरीय इलाकों की जमकर उपेक्षा की गई है। सरकार ने ग्रामीण इलाकों के लिए तमाम योजनाएं घोषित की हैं लेकिन मुंबई सहित तमाम शहरों के साथ खेला करते हुए उन्हें ठेंगा दिखाया है। लोकसभा में शर्मनाक हार के बाद हड़बड़ाई सरकार ने विधानसभा चुनाव के लिए यह बजट नहीं बल्कि घोषणा पत्र के रूप में पेश किया है। बजट में युवतियों एवं महिलाओं को रिझाने के साथ-साथ अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज के लिए भी बड़ी घोषणाएं कर लॉलीपॉप दिखाया है। मध्य प्रदेश की नकल करते हुए इस सरकार ने राज्य में लाडली बहन योजना की घोषणा की है। युवाओं को फंसाने के लिए ७ लाख युवाओं के लिए रोजगार का चारा फेंका है। विधानसभा चुनाव के लिए बनाये गए इस बजट में घोषणाओं का अंबार लगाया गया है, जिसकी वजह से राज्य सरकार की तिजोरी पर भारी बोझ पड़ेगा। जबकि पहले से ही सरकार ठनठन गोपाल हो चुकी है। हर वर्ष राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ाता जा रहा है। ७.११ लाख करोड़ रुपए कर्ज में चल रही सरकार ने १.१० लाख करोड़ घाटे वाला ६.१२ लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। अब सवाल उठता है कि यह सरकार कर्ज भरने के लिए तो कर्ज ले रही है, इन रेवड़ियों के लिए कर्ज कहां से लाएगी?
विपक्ष ने सरकार के बजट को खोखला बताते हुए कहा कि शिंदे सरकार ने पिछले ढाई सालों में भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, महामारी आदि को हवा दी है। राज्य की कानून व्यवस्था की बुरी दशा कर दी है। ऐसे में यह जो बजट घाटे में पेश किया है, वह वाकई में जनता के लिए दिखावा है। सरकार ने खोके का बजट पेश किया है मतलब भ्रष्टाचार करने के लिए भारी भरकम बजट पेश किया है। बता दें कि महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष २०२४-२५ के लिए ६ लाख १२ हजार २९३ करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट पेश किया। पिछले वर्ष हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था।
विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि ढाई साल तक सिर्फ घोटालों, टेंडरों, कमीशनखोरी और परसेंटेज से दौलत कमाने वाली इस महा भ्रष्ट सरकार ने अब चुनाव को देखते हुए अतिरिक्त बजट के नाम पर महायुति का चुनावी घोषणा पत्र पेश किया है। इस सरकार ने महिलाओं के लिए योजनाएं लाकर प्रायश्चित किया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इन शब्दों में अतिरिक्त बजट की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस बजट की आड़ में महायुति विधायकों को खुश करने की आखिरी कोशिश कर रही है। ढाई साल तक खजाना साफ करने के बाद आखिरकार महायुति सरकार ने घोषणाओं का पिटारा खोल दिया है। सत्ताधारियों ने अपनी जेबें भरने के बाद इस बजट में लोगों के लिए सिर्फ घोषणाएं की हैं।
बजट में महत्वपूर्ण घोषणाएं
१. मेरी लाडली बहन योजना के तहत राज्य की २१ से ६० वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को १,५०० रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
२. दिंडी (यात्रा) के लिए २० हजार रुपए प्रति माह
३ सूखा प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर ५ हजार रुपए की सहायता, बिजली बिल दिया जाएगा।
४. किसानों को एक रुपए में फसल बीमा देने की योजना जारी रहेगी, कृषि पंपों के सभी बकाया बिल माफ कर दिए गए हैं।
५. प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश के लिए लड़कियों का शिक्षा शुल्क और परीक्षा शुल्क माफ होगा।
६. इस योजना के माध्यम से पात्र परिवारों को प्रति वर्ष ३ सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे।
७. शादी के लिए शुभमंगल योजना का फंड बढ़ाकर २० हजार दिया गया है।
८. इस साल २५ लाख महिलाओं को करोड़पति दीदी बनाने की योजना है।
९. हर साल १० लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस दौरान १० हजार रुपए का वजीफा भी मिलेगा।
१०. राज्य में महिलाओं के लिए १० हजार गुलाबी रिक्शा उपलब्ध कराए जाएंगे और नई एंबुलेंस खरीदी जाएंगी।

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