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उम्मीद की किरण : दिमाग के ट्यूमर ने कर दिया था भेजा खराब

धीरेंद्र उपाध्याय

आजकल लोगों की जीवनशैली तेजी से बदल रही है। बढ़ते काम के तनाव के साथ ही बदलते खान-पान और जीवनशैली का असर नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगा है। इसमें सिरदर्द एक आम समस्या बनती जा रही है, जिसके कई कारण हैं। हालांकि, सिरदर्द की समस्या को अभी भी गंभीरता से नहीं लिया जाता है, जो कभी-कभी गंभीर स्वास्थ्य समस्या की शुरुआत हो सकता है। इसी तरह के एक मामले में मालाड की रहनेवाली मीना मालुसरे (बदला हुआ नाम) पिछले तीन महीने से सिरदर्द से पीड़ित थीं। यहां तक कि पेन रिलीफ और दर्द निवारक गोलियां लेने से भी उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा था। इस बीच वे कई जटिल और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझती रहीं। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद नहीं खोई।
पीड़िता की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए उनके परिजनों ने बोरीवली के एपेक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. समीर पारेख की चिकित्सा सलाह ली। यहां मीना मालुसरे की सभी चिकित्सा जांच की गई। इसके बाद पता चला कि उनके मस्तिष्क की दाहिनी ओर एक बड़ा एपिडर्मोइड ट्यूमर है, जो मुख्य रक्त वाहिकाओं से जुड़ा हुआ था। ऐसे ब्रेन ट्यूमर को निकालना बहुत जोखिम भरा होता है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए न्यूरोसर्जन डॉ. समीर पारेख ने कहा कि असहनीय सिरदर्द मस्तिष्क में ट्यूमर का मुख्य लक्षण है। इसलिए सिरदर्द को नजरअंदाज किए बिना चिकित्सा विशेषज्ञ का परामर्श लेना महत्वपूर्ण है। यह ब्रेन ट्यूमर बहुत धीमी गति से त्वचा कोशिकाओं या ब्रेन रक्त वाहिकाओं में बढ़ने लगता है। कई बार तो यह जन्मजात होता है। लेकिन मरीजों में आमतौर पर २० या कभी-कभी ४० की उम्र में लक्षण विकसित होते हैं। ब्रेन में पाए जाने वाले ट्यूमर के लक्षणों में देखने की समस्याएं, दौरे, बुखार, लगातार सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, सिर सुन्न होना या सुनने में कमी जैसी कमजोरी शामिल हो सकती है।

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