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उम्मीद की किरण : हताश हो गई थी सलीबा …डॉक्टरों ने की बीमारी की पहचान …मुक्त हुई सांसत में फंसी जान

धीरेंद्र उपाध्याय

विरार निवासी ६३ वर्षीय सलीबा पिछले १५ महीनों से अपनी दैनिक क्रियाएं नहीं कर पा रही थी। उसकी नाक पूरी तरह से बंद हो गई थी। उसने कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन उसकी सेहत में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ। इसके चलते वह हताश और निराश हो गई थी। ऐसे में सलीबा की सेहत बिगड़ती जा रही थी। उसकी इस तरह से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए घरवाले चिंतित हो गए। इसके बाद उन्होंने सलीबा को मीरा रोड के वॉक्हार्ट अस्पताल में भर्ती करा दिया। अस्पताल के कंसल्टंट ओटोरहिनोलैरिंजोलॉजिस्ट और हेड एंड नेक ऑन्कोसर्जन डॉ. चंद्रवीर सिंह ने कहा कि महिला को नाक में रुकावट, सिरदर्द, चक्कर आना और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे। चिकित्सा जांच में महिला की नाक में ज्यादा पानी होने का पता चला। उसकी नाक की एंडोस्कोपी, सीटी स्कैन और पैरानासल साइनस कंप्यूटेड टोमोग्राफी में पिट्यूटरी ट्यूमर का पता चला। साथ ही यह मस्तिष्क से ललाट की हड्डी तक फैला हुआ था। इस मामले में मैक्रोडेनोमा लगभग एक सेंटीमीटर या उससे अधिक माप के बड़े एडेनोमा देखे गए। उन्होंने पाया कि इतना बड़ा ट्यूमर देखना असामान्य था इसलिए तुरंत सर्जरी कराने की जरूरत थी। इस ट्यूमर से मरीज अपनी दैनिक गतिविधियां ठीक से नहीं कर पा रही थी। अस्पताल के कंसल्टंट न्यूरोसर्जन डॉ. अश्विन बोरकर ने कहा कि पिट्यूटरी ग्रंथि से ट्यूमर को हटाने के लिए नाक के माध्यम से एक जटिल एंडोस्कोपिक ट्यूमर एक्सिशन सर्जरी की गई। यह न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया छोटे उपकरणों और एंडोस्कोप कैमरे की मदद से की जाती है। सर्जन सिर पर किसी भी निशान के बिना सटीक, सुरक्षित और ट्यूमर को हटाने के लिए नाक गुहा के पीछे एक छोटा चीरा लगाता है। इस सर्जरी में रक्तस्राव कम होता हैं। इसके अलावा मरीज को दर्द कम होता है और सेहत में भी जल्दी सुधार होता हैं। यह सर्जरी तीन घंटे तक चली। सर्जरी के पांचवें दिन मरीज की सेहत में सुधार देखकर डिस्चार्ज दिया गया। उन्होंने कहा कि सही समय पर मरीज का इलाज न करने से मस्तिष्क की मेनिन्जाइटिस, नाक से खून बहना और दृष्टि की हानि जैसी जटिलताएं हो सकती थीं। सर्जरी के बाद अब मरीज काफी ठीक हैं। मरीज सलीबा ने कहा कि डॉक्टरों के प्रयासों के कारण मुझे नई जिंदगी मिली है। सभी लक्षण गायब हो गए हैं। अब में बिना किसी परेशानी से अपने सभी काम कर सकती हूं।

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