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उम्मीद की किरण : ७ साल बाद लौटी राजेश के हाथ में ताकत!

धीरेंद्र उपाध्याय
पिछले सात सालों से स्पाइनल कॉर्ड कंप्रेशन के कारण ५९ वर्षीय व्यक्ति का बायां हाथ लकवाग्रस्त था। जसलोक अस्पताल के स्पाइन सर्जन डॉ. अमित शर्मा ने इस मरीज की जटिल स्पाइन सर्जरी की। सर्जरी के बाद अब मरीज को बाएं हाथ की ताकत वापस मिल गई है। कर्नाटक में रहनेवाले राजेश नायर एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। सात साल से वो बाएं हाथ की कमजोरी से पीड़ित थे। उन्हें सी५-६ डिस्क प्रोलैप्स था, एक ऐसी स्थिति जिसमें गर्दन में डिस्क उभरी हुई होती है और रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालती है। उनका इलाज शुरू था, लेकिन सेहत में सुधार नहीं हुआ। दर्द बढ़ता जा रहा था। ऐसी स्थिति में वो जसलोक अस्पताल के स्पाइन सर्जन डॉ. अमित शर्मा से मिले। अस्पताल में उनकी एमआरआई और अन्य जाचं कराई गई। वैद्यकीय जांच में उन्हें डिस्क प्रोलैप्स का पता चला। डॉक्टर ने उन्हें तुरंत सर्जरी कराने की सलाह दी।
जसलोक अस्पताल के स्पाइन सर्जन डॉ. अमित शर्मा ने कहा, ‘मरीज पिछले सात वर्षों से बाएं हाथ में कमजोरी की शिकायत लेकर हमारे पास आया था। हमने कंधे का एमआरआई कराया तो पता चला कि डिस्क प्रोलैप्स की समस्या है। रीढ़ की हड्डी पर लंबे समय से दबाव के कारण हाथ में कमजोरी होने के कारण, सर्जरी के बाद रिकवरी होना काफी मुश्किल था। मरीज को परिणामों की अनिश्चित प्रकृति के बारे में समझाया गया था, लेकिन मरीज को अन्य कोई बीमारी न होने के कारण उन्होंने सर्जरी करवाकर एक मौका लेना चाहा। सी५-६ एंटीरियर डिकंप्रेशन और फ्यूजन सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद मरीज ६० प्रतिशत ठीक हो गया। उनकी बाएं हाथ की शक्ति भी वापस मिली। छह सप्ताह के बाद मरीज की बाएं हाथ की ताकद ८०-९० प्रतिशत वापस आई।
सी५-६ डिस्क प्रोलैप्स की सर्जरी के दौरान, मौजूदा स्पोंडिलोटिक सर्वाइकल डिस्क को हटा दिया जाता है और रीढ़ की हड्डी को डीकंप्रेस किया जाता है। डिस्क हटाने के कारण बनी खाली जगह को आमतौर पर स्पेसर और बोन ग्राफ्ट से भर दिया जाता है। आमतौर पर मरीजों को दर्द से तुरंत राहत मिलती है। हालांकि, झुनझुनी, सुन्नता को ठीक होने में कुछ सप्ताह लगते हैं और कमजोरी में सुधार होने में कुछ महीने लग सकते हैं। सर्जरी के एक या दो दिन बाद मरीज अपने काम पर जाने सहित सभी दैनिक दिनचर्या कर सकते हैं। उन्हें ३-४ सप्ताह तक भारी काम से दूर रहने की सलाह दी जाती है, जिसके बाद वे सभी सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू कर सकते हैं।
मरीज राजेश नायर ने कहा कि मैनें अपने बाएं हाथ से काम करने की सारी उम्मीद खो दी थी, लेकिन डॉक्टर के तुरंत इलाज शुरू करने से मुझे नई जिंदगी मिली है। अब मैं अपने हाथ से काम कर सकता हूं। मेरे हाथ की ताकत वापस लौटाने के लिए में डॉक्टर का आभारी हूं।

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