आई नवरात्रियां,
माताजी की रात्रियां!
चैत्र मास की नवरात्रियां,
जगराते की रात्रियां!
ढोल मंजीरे ले आओ,
आज माता का जगराता है…
माता की भेंटें गाओ!
सब के सब आ जाओ,
चोले को अपने शुद्ध करने आ जाओ!
लाल चुनरी लाल चूड़ियाँ चढाओ,
माताजी को भोग-प्रसाद लगाओ!
नौ रात्रियों का मेला है,
माता का दरबार अलबेला है!
नौ रातों में नौ शक्तियां,
भस्म करती हैं हर विरक्तियां!
आकर मां के दरबार में,
झूम झूम गाओ भजनें .. मां के प्यार में।
– पंकज गुप्ता मुंबई