पूजा का सामान चाहिए।
दुनिया भर का ज्ञान चाहिए।।
व्यक्तिवाद से ऊपर उठकर।
सामूहिक सम्मान चाहिए।।
उम्मीदों में जीने वाला।
हंसता हुआ किसान चाहिए।।
उत्साहों से भरा हुआ यह।
प्यारा हिंदुस्थान चाहिए।।
इंसानों की इस बस्ती में।
सबसे बड़ा मकान चाहिए।।
भारत मां के हर सपूत का ।
पूरा गौरव गान चाहिए।।
जन गण के सारे बच्चों का।
जीवन में उत्थान चाहिए।।
महिलाओं मजदूरों का तो।
खिलता हुआ जहान चाहिए।।
अंधेरे को चीर फाड़कर।
उगता हुआ बिहान चाहिए ।।
जग को रोशन करने वाली ।
दुनिया में संतान चाहिए।।
नैतिकता मानवता वाला
नेता एक महान चाहिए।।
पूजा का सामान चाहिए।
दुनिया भर का ज्ञान चाहिए ।।
-अन्वेषी