चीन की चाल को समझे केंद्र सरकार
इस बार चीन ने बॉर्डर पर १० से १५ किलोमीटर तक बफर जोन (तटस्थ क्षेत्र) बनाने का प्रस्ताव रख नई चाल चलने की कोशिश की है। पहले भी इस तरह के कई चाल चलने की कोशिश चीन कर चुका है। `दोपहर का सामना’ ने इस खबर को हेड लाइन बनाया है। इस खबर के माध्यम से केंद्र सरकार को सचेत किया गया है। ड्रैगन का यह खेल केंद्र को समझ लेना चाहिए। दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बैठक में चीन की ओर से यह प्रस्ताव रखा गया था। यदि पिछला इतिहास देखा जाए तो चीन ने कई बार वादाखिलाफी की है। हिंदुस्तान का दावा है कि पहले ही चीन हमारी सीमा में लगभग १८ से २० किलोमीटर अंदर घुस आया है। हिंदुस्थानी सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ा भी था, यह पूरे विश्व ने देखा था। इसलिए अतीत से सबक लेते हुए चीन के इस नए प्रस्ताव पर सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत है।
-महेश वर्मा, बोरीवली
मुख्यमंत्री का काफिला बना है जी का जंजाल
`दोपहर का सामना’ के २१ मई के अंक में एक खबर छपी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के काफिले के बारे में। यह काफिला जहां भी जाता है, वहां के लोगों के लिए सिरदर्द बन जाता है। इस छपी खबर में ही देख लो। नाला सफाई का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री के साथ उनकी पार्टी के नेता, उपनगर के पालक मंत्री, भाजपा के मुंबई के नेता, अधिकारी और पार्टी के कार्यकर्ता, ऐसी लंबी-चौड़ी फौज लेकर चल रहे मुख्यमंत्री के इस काफिले की वजह से पश्चिमी क्षेत्र के जाम के कारण सभी जगहों पर दूर-दूर तक जाम लग गया। लोगों को अपने दफ्तर या किसी जरूरी काम के लिए पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री को यह काफिला लेकर चलने की आदत सी पड़ गई है। अब जनता त्रस्त हो चुकी है और जल्द ही उन्हें सबक सिखाएगी।
-मोहन पांडे, ओशिवरा