मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनापाठकों की पाती: अब थमेगा ब्रांडेड दवाओं का `गंदा धंधा'

पाठकों की पाती: अब थमेगा ब्रांडेड दवाओं का `गंदा धंधा’

`दोपहर का सामना’ के प्रथम पेज की एक खबर देखकर दिल को सुकून आया। यह खबर दवाइयों को लेकर थी। इस खबर के अनुसार, हिंदुस्थान के चिकित्सों के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की ओर से २ अगस्त को नए नियमों का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसके तहत अब चिकित्सों को हर हाल में जेनेरिक दवाएं ही लिखनी होंगी। यह बेहद जरूरी था। इसमें दवा कंपनियों और उनसे कमीशन खाने वाले चिकित्सकों की मनमानी थमेगी। मैं शुक्रिया कहना चाहूंगा एनएससी को, जिसने सख्त चेतावनी दी है कि नए नियम में यदि किसी तरह की कोताही बरती गई तो संबंधित चिकित्सकों के प्रेक्टिस लाइलेंस सस्पेंट कर दिए जाएंगे। इससे आम लोगों को राहत मिलेगी।
महेश कोणारी, ब्रांद्रा

सरकारी बंगले को खाली करने में आना-कानी क्यों?
भाजपा शासित राज्यों में जोरदार भ्रष्टाचार और मनमानी शुरू होने का मामला सामने आया है। `दोपहर का सामना’ में एक खबर छपी है, जिसमें बताया गया है कि यूपी के कई आईएएस, आईपीएस सरकारी बंगले पर कुंडली मारकर बैठे हैं। ट्रांसफर होने के बावजूद यह लोग बंगले खाली करने से कतराते हैं। नोएडा की इस घटना से पता चलता है कि इन आईपीएस और आईएएस को किसी बात का खौफ नहीं है। इसी तरह भाजपा शासित मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों द्वारा ६ करोड़ रुपए की मूंग चट कर जाने का मामला भी प्रकाश में आया है। सचमुच भाजपा के राज में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा।
सोमदत्त शर्मा, विरार

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